आओ इसका पता लगाएं, करवा चौथ पर पति के साथ क्यों होती है चंद्रमा की पूजा

Update: 2018-10-21 14:23 GMT

लखनऊ : पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाने वाला करवाचौथ व्रत चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद ही समाप्त होता है। लेकिन क्या कभी आपने ये समझने की कोशिश की आखिर क्यों करवाचौथ में चंद्रमा की पूजा होती है?

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मिला चंद्र को लंबी उम्र का वरदान

उपनिषद् के चंद्रमा पुरुष रूपी ब्रह्मा का रूप है जिसकी उपासना करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। चंद्रमा को लंबी आयु का वरदान मिला है जिसके पास रूप, शीतलता और प्रेम और प्रसिद्धि है इसलिए सुहागिन स्त्रियां चंद्रमा की पूजा करती हैं जिससे ये सारे गुण उनके पति में भी आ जाए। चंद्रमा शांति प्रदान करता है और मानसिक शांति से संबंध मजबूत होते हैं। चंद्रमा शिव जी की जटा का गहना है इसलिए दीर्घायु का भी प्रतीक है।

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संबंधों की मजबूती और पति की दीर्घायु की कामना को लेकर ही व्रत का समापन चंद्रदर्शन के साथ होता है। रूप, शीतलता और प्रेम और लंबी आयु वाले पति की कामना हर लड़की करती है। इसलिए भारत में कुंवारी लड़कियां भी अपने अच्छे पति की कामना में ये व्रत रखती हैं और चंद्रमा की पूजा अविवाहित लड़कियां भी कर सकती हैं इसलिए चंद्रमा की पूजा करवाचौथ में की जाती है।

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