आखिर क्यों करते हैं नदियों में अस्थि विसर्जन, जानें धार्मिक-वैज्ञानिक कारण

Update: 2016-09-21 10:31 GMT

लखनऊ: हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों में एक है दाह संस्कार। जो मृत्यु के बाद होता है। मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए मनुष्य की अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया जाता है, लेकिन इसके पीछे दो और वजह देखने को मिलती है। पहली वजह धार्मिक है, जबकि दूसरी वजह वैज्ञानिक।

धार्मिक कारण

धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि गंगा में अस्थि विसर्जन से ये अस्थियां सीधे श्रीहरि के बैकुंठ धाम पहुंचती है। पुराणों के अनुसार मृतक की अस्थियों को फूल कहा जाता है।

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जल करता है शुद्ध

वैज्ञानिक वजह के अनुसार हड्डियों में पाया जाने वाला सल्फर पारे के साथ मिलकर पारद बनाता है। इसके साथ ये दोनों मिलकर मरकरी सल्फाइड साल्ट का निर्माण करते हैं। हड्डियों में बचा शेष कैल्शियम, पानी को स्वच्छ रखने का काम करता है। साथ ही, अस्थियों में मौजूद फॉस्फोरस भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाकर उसे उपजाऊ बनाने में भी मदद करता है। इसीलिए धार्मिक मान्यता के साथ वैज्ञानिक तथ्यों को ध्यान में रखकर भी अस्थियों का विसर्जन नदी में किया जाता है।

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