लखनऊ: चैती नवरात्रि की शुरुआत के साथ भक्त 9 दिन तक मां की भक्ति में लीन हो जाते हैं। इस बार विद्वानों ने कहा है कि मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आईं हैं और मुर्गे पर सवार होकर विदा होंगी। इस साल पंचमी तिथि के क्षय होने के कारण नवरात्रि 8 दिनों की होगी। कई सालों बाद ये नवरात्रि दिव्य योगों का संयोग लेकर आईं है। साधना, सिद्धि, खरीदारी और मांगलिक कार्यों के लिए नवरात्रि के ये दिन बहुत ही श्रेष्ठ हैं। इस नवरात्रि में लक्ष्मी प्राप्ति के लिए साधना और संकल्प की सिद्धि आराधक को देवी कृपा से सहज ही प्राप्त होगी। सालों बाद नवरात्रि के 8 दिन कोई ना कोई विशिष्ट योग का होना शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए भी श्रेष्ठ है।
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कौन सा योग
प्रतिपदा और अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है जो मनोवांछित संकल्पों की सिद्धि के लिए साधना, खरीदारी और नवीन कार्यों के आरंभ के लिए श्रेष्ठ है। चतुर्थी पर रात्रि में वियोग, वनस्पति तंत्र की जागृति के लिए शुभ रात्रि। पंचमी की रात्रि अमृत सिद्धि योग। सुख-समृद्धि और कामनाओं की पूर्ति के लिए देवी की आराधना करना श्रेयस्कर है।
षष्ठी, सप्तमी और नवमी पर रवि योग। स्वर्ण, रजत, वाहन आदि की खरीदारी के लिए शुभ रहेगा दिन। गुरू पुष्य नक्षत्र नवमी के दिन करें हर प्रकार की खरीदी, गृह प्रवेश, गृह आरंभ, नवीन प्रतिष्ठान और उद्योग आदि की स्थापना के लिए महा मुहूर्त बना हैं।
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पूरे नवरात्रि में करें उपाय
दुर्गा पूजन में लाल रंग के फूलों का उपयोग अवश्य करें। कभी भी तुलसी, आंवला, आक और मदार के फूलों का प्रयोग नहीं करें। मां को दूर्वा कभी नहीं चढ़ाए। पूजा के समय लाल रंग के आसन का इस्तेमाल करें। यदि लाल रंग का ऊनी आसन मिल जाए तो उत्तम अन्यथा लाल-काला कंबल का इस्तेमाल भी कर सकते है।
पूजा करते समय लाल रंग के वस्त्र पहने और लाल कुंकुम का तिलक लगाए। नवरात्रि में दुर्गा के नाम की अखंड ज्योति जलाने से मनोकामना पूर्ण होती है। पूरे 9 दिन उपवास करें। नवमी के दिन कन्याओं का पूजन करना चाहिए। इस दौरान दुर्गा सप्तशती का एक बार पाठ जरूर करें।