मथुराः विश्वविख्यात बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर में बुधवार की शाम को लड्डू होली का आयोजन हुआ जिसमें शामिल हुए श्रद्धालु भावविभोर होकर इस अनोखे और परंपरिक आयोजन को देखकर गद्गद हो गए। शाम करीब पांच बजे जैसे ही नंदगांव से पांडे श्रीकृष्ण के सखा के रुप में राधारानी मंदिर में होरी का न्यैाता लेकर आया तो वहां खुशी की बयार बहने लगी और मंदिर प्रांगण में श्रीराधारानी के प्रसाद रुपी लड्डुओं की वर्षा प्रारम्भ हो गई।
प्रसाद रुपी इन लड्डुओं को लपकने के लिए यहां मौजूद श्रद्धालु अपनी अपनी झोली पसार कर खड़े हो गए। लड्डुओं की होली का नजारा इतना दिव्य और अद्भुत था कि देश के विभिन्न प्रान्तों से आए लोग इन विलक्षण क्षणों के साक्षी बने और प्रेम का फाग खेलते हुए नजर आए।
इसलिए मनाई जाती है लड्डू होली
लड्डू होली को लेकर मान्यता है कि द्वापर में श्रीराधारानी ने बरसाने से कान्हा को होली खेलने का निमंत्रण नन्दगांव भिजवाया था। होली खेलने का निमंत्रण स्वीकार करने की खुशी में लठामार होली से एक दिन पूर्व गोस्वामी समाज के लोगों द्वारा लड्डूमार होली का आयोजन किया जाता है।
सुबह से ही शुरु हो गई थी लड्डू होली की तैयारियां
लड्डू होली को लेकर सुबह से ही तैयारियां शुरु हो गई थी। परपंरा के अनुसार श्रीराधारानी की सखी कान्हा और उनके सखाओं को होली खेलने का निमंत्रण देने के लिए सोलह श्रंगार कर सज-धज कर गुलाल की मटकी और मिष्ठान लेकर श्रीजी मंदिर से चलीं तो ढोलक और मृदंग के अलावा बैंड की धुन पर पूरा कस्बा और यहां मौजूद श्रद्धालु झूम उठे।
इस दौरान ‘चली सखी होरी को न्यौता देवन कूं, ब्रजजन सब हरषाय, उत सांवरौ कुंवर कन्हाई इत ब्रजरानी राधिका‘ पद का गायन हुआ और राधारानी की सखियां नंदगांव के लिए रवाना हो गई। उधर इन सखियों के इंतजार में टकटकी लगाए पीली धोती, बगलबंदी और कमर में पटुका बांधे नंदगाव के ग्वाल ने जब इन सखियों को नंदभवन की ओर आते देखा तो दौड़कर नंदभवन पहुंचा और सखाओं को इसकी जानकारी दी। इतना सुनते ही नन्दगांव में उल्लास का माहौल हो गया।
सखियों ने दिया लठमार होली का निमंत्रण
उत्सव के माहौल में सखियों के नंदभवन में प्रवेश करते ही ग्वालों ने सखियों की चुनरी ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। सभी की आंखें खुशी से चमक उठी। नंदभवन में आते ही बरसाना की सखियों ने फाग के निमंत्रण रूपी गुलाल और लाडली जी की भेंट सेवायतों को कन्हैया के चरणों में रखने को दी। सखियों ने कहा,‘कल आप अपने समस्त सखाओं को लेकर बरसाना लठमार होली के लिए निमंत्रित हैं।’
करीब तीन घंटे चला डांस
इसके बाद वहां पहले से सजे-धजे तैयार बैठे गोप और ग्वालों ने उनका स्वागत किया। एक तरफ फाग गीत चल रहा था। दूसरी तरफ गोप-गोपियों के साथ होली रास कर रहे थे। एक-दूसरे को हराने की होड़ में करीब तीन घंटे तक डांस हुआ। इस बीच राधा और कृष्ण के रूप में गोप-गोपिकाओं ने रास का दृष्य दिखाया। सखियों को राजभोग कराया गया। इसके बाद ग्वालों ने सखियों का निमंत्रण स्वीकार कर बरसाना आकर होली खेलने का आश्वासन दिया।