जयपुर: जीवन में हर कोई खुशियां बटोरना चाहता है। खुश रहना चाहता है। हाथ में तीन रेखाएं खासकर मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा और जीवन रेखा। इसी के आधार पर ज्योतिष विद्या के अनुसार व्यक्ति के जीवन में भविष्य में क्या होना है पता लगाता है। हमारी हथेली में मौजूद आयु रेखा हमारे जीवन और व्यक्तित्व के बारे में क्या बताती है। आयु रेखा को ही जीवन रेखा भी कहा जाता है। आयु रेखा मुख्य उंगली या इंडेक्स फिंगर और अंगूठे के बीच से गोलाकार बनाते हुए शुक्र पर्वत को घेरते हुए कलाई तक या उसके समीप तक जाती है। छोटी जीवन रेखा कम उम्र और लंबी जीवन रेखा लंबी उम्र की ओर इशारा करती है। यदि जीवन रेखा टूटी हुई हो तो ये अशुभ होती है, लेकिन उसके साथ ही कोई अन्य रेखा समानांतर रूप से चल रही हो तो इसका अशुभ प्रभाव नष्ट हो सकता है।
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आयु रेखा व्यक्ति के स्वभाव के बारे में भी बताती है। आयु या जीवन रेखा का अर्थ सिर्फ ये नहीं है कि वो सिर्फ लंबी और अल्प आयु के बारे में ही बताए। आयु रेखा व्यक्तित्व की भी परिचायक होती है। आयु रेखा सुंदर, पुष्ट और गोलाई बनाती हो तो व्यक्ति स्वस्थ्य, लंबी आयु और ऐश्वर्ययुक्त होता है। अगर व्यक्ति के हाथ में मौजूद ये रेखा खंडित हो जाए तो असफलता और अपमान का सामना करना पड़ता है। आयु रेखा चौड़ी और पीली हो तो व्यक्ति का स्वभाव बुरा होता है और वो ईर्ष्यालु स्वभाव का भी हो सकता है। हथेली में मौजूद जीवन रेखा स्पष्ट और सुंदर हो परन्तु उसके सूर्य रेखा ना हो तो उस व्यक्ति का जीवन नीरस रहता है और उसके जीवन में कुछ खास नहीं घटित होता है।
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अगर आप वकील, अध्यापक, अभिनेता या उपदेशक बनना चाहते हैं तो आपकी हथेली में मौजूद जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा शुरू से ही अलग रहेगी। इस तरह के लोगों में दूसरों से आगे बढ़ने की भावना होती है। ये उन लोगों के लिए लाभदायक होता है जो स्टेज पर भीड़ को भाषण देते हैं। अगर आपके जीवन रेखा के ऊपर से शाखाएं उठ रही हो तो स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहता है। जीवन रेखा या आयु रेखा से शाखाएं उठ कर मस्तिष्क रेखा को छूती हैं तो ये उस व्यक्ति को मान-सम्मान और धन दिलवाती हैं।