लखनऊ: देवो के देव महादेव भगवान शंकर अपने भक्तों पर जितनी जल्दी प्रसन्न होते है, शायद कोई देवता इतना जल्दी प्रसन्न होते हों। आज हम भगवान शिव के भक्तों को बताना चाहते है कि भगवान शिव का कोई भक्त यदि कोई गलत कार्य करता है तो भगवान शिव बेहद गुस्सा होते है, इसलिए शिव के भक्त को ये कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए। इन पापों को भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते।
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गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान भी भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना भी भगवान शिव की नजर में अक्षम्य अपराध और पाप है। किसी भोलेभाले और निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाने, या धन-संपत्ति लूटने, उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना।
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किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना। किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना ‘छल’ की श्रेणी में आता है और अक्षम्य पाप का भागीदार बनाता है।समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी एक अक्षम्य पाप है।
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धर्म अनुसार मना की गई चीजें खाना या धर्म के विपरीत कार्य करना किसी हाल में व्यक्त के लिए स्वीकार्य नहीं होना चाहिए, वरना आप भगवान शिव की नजरों में हमेशा ही अपराधी रहेंगे। अच्छी बातें भूलकर बुरी राह को स्वयं चुनने वाले के पाप अक्षम्य होते हैं। दूसरों के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना, या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में रखा गया है।
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शराब पीना, जुआ खेलना, चोरी , लूट करना या सट्टा खेलना। गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाना या गुरु माँ को गलत निगाह से देखना। दान की हुई चीजें या धन वापस लेना महापाप माने जाते हैं जिसे भगवान शिव कभी भी क्षमा नहीं करते। गलत तरीके से दूसरे की संपत्ति हड़पना, ब्राह्मण या मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से हथियाना। भगवान शिव की नजरों में हर हाल में माफी ना देने योग्य पाप है।