चमत्कारी हैं मां दुर्गा के ये नाम, प्रतिदिन करें इनका जाप, पूरी होगी मुराद

Update:2016-10-03 13:47 IST

लखनऊ: देवी दुर्गा वैसे तो अनेकों स्वरुप और नामों से जानी जाती है, लेकिन जब भगवान शंकर मां पार्वती को अपनी तंत्र शक्तियां प्रदान कर रहे थे तो भगवान शंकर ने भी देवी के 108 नाम यानि अष्टोत्तर शतनाम से मां आदिशक्ति की अराधाना की।

भगवान शंकर ने इस अष्टशत्तोर शतनाम की फलश्रुति बताते हुए कहा- हे पार्वती, जो साधक दुर्गा अष्टोत्तर नाम का नित्य पाठ करता है, उसके लिए तीनों लोकों में कुछ भी असाध्य नहीं रह जाता है। वह साधक धन, पुत्र-पुत्री, हाथी घोड़ा, संपत्ति, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्राप्त करता है और इस आवागमन के चक्र से मुक्त हो जाता है।

हे पार्वती, जो साधक नवरात्र में कुमारी पूजन (कन्या पूजन) करके भगवती दुर्गा की पूजा अर्चना, अराधना और हवन करने के बाद, मां दुर्गा के इन 108 नामों का पाठ करता है, उसे सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है।

 

देवी दुर्गा के 108 नाम...

1- सती, 2- साध्वी, 3- भवप्रीता, 4-भवानी, 5- भवमोचनी, 6- आर्या, 7- दुर्गा, 8- जया, 9- आद्या, 10- त्रिनेत्रा

11- शूलधारिणी, 12- पिनाक धारणी, 13- चित्रास, 14- चन्द्रघंटा,15- महापता,16- मन:,17- बुद्धि,18- अहंकारा,19- चित्तरुपा,20- चिता

21-चिति, 22- सर्वमंत्रमयी,23- सत्ता,24- सत्यानंद स्वरुपणी,25- अनन्ता,26- भावनी,27- भव्या, 28- भाव्या,29- अभव्या, 30- सदागति

31- शांभवी, 32-देवमाता, 33- चिन्ता, 34- रत्नप्रिया,35- सर्वविद्या, 36- दक्षकन्या,37- दक्ष यज्ञविनाशिनी,38- अपर्णा,39-अनेकवर्णा 40- पाटला

41- पाटलावती, 42- पट्टारम्बरपरिधाना, 43- कलमंजीररंजिनी, 44- अमेय विक्रमा, 45-कु्ररा,46- सुंदरी, 47- सुरसुंदरी, 48- वन दुर्गा

49- मातंगी, 50- मतंगमुनिपूजिता

51- ब्राह्मी, 52- माहेश्वरी, 53- ऐन्द्री, 54 - कौमारी, 55- वैष्णवी, 56- चामुंडा, 57- वाराही, 58- लक्ष्मी, 59- पुरुषाकृति, 60- विमला

61- उत्कर्षिणी,62- ज्ञाना, 63- क्रिया, 64- नित्या, 65- बुद्धिद्धा, 66- बहुला,67- बहुलप्रेमी,67- सर्ववाहन वाहना, 68-निशुम्भ शुम्भ हननी, 69- महिषासुरमर्दिनी

71- मधुकैटभहन्त्री, 72-चण्डमुण्ड विनाशिनी, 73- सर्व असुर विनाशा, 74- सर्वदानवघातिनी, 75- सत्या, 76- सर्वास्त्रधारिणी, 77- अनेकशस्त्र हस्ता, 78- अनेक शस्त्रधारिणी, 79-कुमारी, 80- एक कन्या

81- कैशोरी, 82- युवती, 83-यति, 84- अप्रौढ़ा, 85- प्रौढ़ा, 86- वृद्धमाता, 87- बलप्रदा, 88- महोदरी, 89-मुक्तकेशी, 90- घोररुपा

91- महाबला, 92- अग्निज्वाला, 93- रौद्रमुखी, 94- कालरात्रि, 95- तपस्विनी, 96-नारायणी, 97- भद्रकाली, 98- विष्णुमाया, 99- जलोदरी, 100- शिवदूति

101- कराली, 102- अनन्ता, 103- परमेश्वरी, 104- कात्यायनी, 105- सावित्री 106-प्रत्यक्षा, 107- ब्रह्मवादिनी, 108- सर्वशास्त्रमयी।

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