महाभारत की कई राजकुमारियों ने बनाया था अनैतिक संबंध...वजह है हैरान करने वाली

Update: 2017-03-26 10:50 GMT

हस्तिनापुर : महाकाव्य महाभारत के बारे में जानता तो हर कोई है। इस काव्‍य में कई रहस्‍य है जिनके बारे में आजतक सही-सही पता नहीं लग पाया है, या फिर कम को ही पता है। उदाहरण के लिए राजकुमारियों ने बनाया था या बनाना पड़ा अनैतिक संबंध- मतलब पति के होने के बावजूद इन रानी व पटरानियों ने किसी अन्य के साथ यौन सम्बन्ध बनाकर बच्चों को जन्म दिया।

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मत्स्यगंधा जिसे बाद में सत्यवती के नाम से जाना गया। वो अत्यंत रूपवान थी, इसी कारण शांतनु उनके रूप पर मोहित हो गए और विवाह कर लिया। विवाह के पश्चात दो पुत्र हुए चित्रांगद और विचित्रवीर्य। सत्यवती के पास एक तीसरा पुत्र भी था जिनका नाम व्यास था। जो बाद में महर्षि व्यास के नाम से जाने गए। सत्यवती ने व्यास को तब जन्म दिया जब वह कुमारी थी। व्यास के पिता ऋषि पराशर थे।

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महर्षि व्यास ने सत्यवती से जब कहा कि एक राजकुमारी का पुत्र अंधा और दूसरी राजकुमारी का पुत्र रोगी होगा तो सत्यवती ने राजकुमारियों को व्यास के पास भेजना चाहा, लेकिन राजकुमारियां डर गई, इसलिए उन्होंने अपनी दासी को व्यास के पास भेज दिया। दासी ने व्यास से गर्भधारण किया जिससे ज्ञानी विदुर का जन्म हुआ।

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सत्यवती के पुत्र चित्रांगद और विचित्रवीर्य का विवाह अंबिका और अंबालिका से हुआ, परन्तु विवाह के कुछ ही दिनों बाद चित्रांगद और विचित्रवीर्य की मृत्यु हो गई। भीष्म ने आजीवन विवाह नहीं करने की प्रतिज्ञा की थी। अपनी वंश-रेखा को मिटते देख सत्यवती ने इन दोनों राजकुमारियों को अपने तीसरे पुत्र व्यास से संतान उत्पन्न करने के लिए कहा। सत्यवती की आज्ञा से इन दोनों राजकुमारियों ने महर्षि व्यास से गर्भ धारण किया जिससे धृतराष्ट्र और पाण्डु का जन्म हुआ।

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कुंती के नाम से तो हर कोई वाकिफ है। राजकुमारी कुंती की जो बाद में महाराज पांडु की पत्नी और कुरूवंश की महारानी बनी। एक ऋषि के शाप से पांडु की कोई संतान नहीं थी। तब पांडु की आज्ञा से कुंती ने, पवनदेव और इंद्र से गर्भ धारण किया और तीन पुत्रों को जन्म दिया जो युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन कहलाए। पांड़ु की एक अन्य पत्नी थी मादरी। पांड़ु की आज्ञा से इन्होंने अश्विनी कुमारों का आह्वान किया और उनसे नकुल और सहदेव को जन्म दिया।

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