रहेगा घर-आंगन में खुशियों का माहौल, दीवाली में अगर रखेंगे इन बातों का ख्याल

Update:2017-10-09 10:29 IST

जयपुर: दीवाली का त्योहार रोशनी का त्योहार है जो अंधकार को मिटाकर प्रकाश लाता है। इस त्योहार में हर तरफ माहौल रोशन और उत्साह से लबरेज रहता है। हफ्तेभर पहले से घर में दीवाली का माहौल बन जाता है। छोटे-बड़े सब दीवाली की तैयारी में जुट जाते हैं। जहं बड़े साफ-सफाई में लगते है तो वहीं बच्चे पटाखों को लेकर क्रेजी हो जाते हैं। कई बार इस इसी क्रेजीपन में कई घटनाएं घट जाती है और दीवाली की खुशी गम में बदल जाती है। इसलिए दीवाली के इस त्योहार में हर काम के साथ सावधानी भी जरूरी है।

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ऐसे मनाएं दीवाली, करों घरों की सफाई

दीवाली पर कुछ दिन पहले से ही घर और आसपास की सफाई कर लें। दीवाली पर छोड़े जाने वाले पटाखे बीमारी लाते है। इससे प्रदूषण बढ़ता है। ह्रदय रोगियों के लिए ये दिन और भी घातक होता है। इसलिए इन बातों का रखें खास ख्याल....

बचाएं आंखों को

दीवाली के दिन छोड़े जाने वाले पटाखों से हर साल हजारों लोग जख्मी होते हैं। आंखों को भी नुकसान पहुंचता है। कानों के सुनने की क्षमता भी खत्म होने लगती है। कहने का मतलब जो पटाखे इस दिन छोड़े जाते हैं , वो आंखों में अगर पड़ जाए तो आंखों की रौशनी भी जाने लगती है। बाजार में मिलने वाले पटाखें 100 डेसीबल से अधिक क्षमात के बिकते हैं।

सांस में तकलीफ वाले लोग रखें खास ख्याल

पटाखों का कुछ पल का मजा माहौल को दूषित कर देता है। पटाखों में मौजूद बारुद जलने से नाइट्रोजन , सल्फर डाईआक्साइड में हानिकारक तत्व रहता है। इससे अस्थमा , निमोनिया और ब्रांकाइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है। फेफड़े संबंधी बीमारी भी होती है।

हार्ट के मरीज रखें ख्याल

पटाखों की आवाज से उम्रदराज लोगों को ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा पड़ सकता है। अनिद्रा, सिरदर्द भी होता है। प्रेग्नेंट लोगों को भी इस दौरान खास यान रखना चाहिए। नहीं तो गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।

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बच्चों को रखें पटाखों से दूर

पटाखों को छोड़ते हुए बच्चों को दूर रखें। उन्हें फूलझड़ियां या छूरछुरी ही दें। पटाखें खाली जगह पर ही छोड़ें। कांच की बोतल या टीन के डिब्बे का इस्तेमाल ना करें।

घर पर बनी मिठाई ही खाएं

दीवाली पर बाजार की मिठाईयों को अवॉयड करें और घर पर बनी ही मिठाई खाए। क्योंकि बाहर की मिठाई मिलावटी होती है। उसपर जो चांदी की परत चढ़ी होती है वो नुकसानदेह होता है।

क्या खाएं क्या ना खाएं

दीवाली पर ऑयली खाने से परहेज करें पर क्या करें। फेस्टिव सीजन में खाने का बहुत क्रेज होता है। बहुत सारे पकवान बनते हैं। लेकिन अगर उन पकवानों में भी कुछ बातों का ख्याल रखा जाए तो आपको हेल्थ प्रॉब्लेम नहीं होगी। इस दिन बादाम, अखरोट को भोजन में शामिल करें।अगर कचौड़ी प्रेमी है तो दाल, मुंगदाल हरे पत्तेदार सब्जियों के कचौड़ी बना सकते हैं।

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