सावधान! आप भी है तोते के प्रेमी व इन्हें पालते हैं तो जरा इधर दें ध्यान

Update:2018-02-01 07:50 IST

जयपुर: ज्यादातर लोग पशु-पक्षी प्रेमी होते है। कोई श्वान तो कोई बिल्ली पालते है तो कुछ लोग तोता भी घरों में पालते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में तोते की तस्वीर को लगाने से पढ़ाई में बच्चों की रुचि बढ़ती है, साथ ही उनकी स्मरण क्षमता में भी इजाफा होता है। यह बात तो सभी जानते हैं लेकिन हम यहां दूसरी बात बताना चाहते हैं।तोता प्रेम, वफादारी, लंबी आयु और सौभाग्य का प्रतीक होता है।अगर घर में बीमारी, निराशा, दरिद्रता और सुखों का अभाव महसूस कर रहे हैं तो तोते का चित्र या मूर्ति घर में स्थापित करें।

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पति और पत्नी में प्रेम संबंध स्थापित करने के लिए भी फेंगशुई के अनुसार तोते के जोड़े को स्थापित किया जाता है।

फेंगशुई के अनुसार तोता 5 तत्वों का संतुलन स्थापित करने में मददगार साबित होता है। तोते के रंग-बिरंगे पंख वास्तव में पृथ्वी, अग्नि, जल, लकड़ी और धातु के प्रतीक हैं। अगर घर में इनमें से किसी भी तत्व की कमी है, तो वह इससे दूर हो जाती है।

बहुत से लोग पिंजरे में तोता पाल लेते हैं, लेकिन इस तरह तोता पालना बहुत ही गलत है। कुंडली का विश्लेषण करके बहुत से लोगों को तोता नहीं पालने की हिदायत दी जाती है और बहुत से लोगों को बुधवार के दिन पिंजरे में कंठी वाला तोता पालने को कहा जाता है लेकिन उसके लिए नियम बनाए गए हैं।

यदि किसी ने गलती से तोता पाल लिया है तो उसे इस बारे में किसी विशेषज्ञ से पुछना चाहिए। हो सकता है कि यह तोता ही दुर्भाग्य और बर्बादी का कारण हो। पले हुए तोते यदि खुश नहीं हैं तो वह रोज बद्दुआ देते हैं। पक्षियों को बंधक बनाकर रखना पाप है। इसके कई दुष्परिणाम भुगतने होते हैं।

दरअसल, तोतों में यह क्षमता है कि वो जो भी सुनते हैं उसे आसानी से याद कर लेते हैं और उसे वे मन ही मन या बोलकर दोहराते रहते हैं। ऐसे में अगर घर में गाली-गलौच या झगड़े होते हैं तो वह भी इसी प्रकार का व्यवहार करेगा। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का स्थायी निर्माण हो जाएगा। इस तरह तोता पालना कई मामलों में शुभ भी है और अशुभ भी।

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