सहारनपुर: पितृ अमावस्या हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन कहा गया है। शास्त्रों में अमावस्या को पितरों का दिन कहा गया है। इसलिए इस दिन पितरों के निमित्त किए गए दान-तर्पण, पितृकर्म आदि उन्हें सीधे प्राप्त होते हैं और अपने परिजनों को अच्छे आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन आप एक मंत्र का जाप कर अपने पितरों को मना सकते हैं।
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ज्योतिषाचार्य आचार्य शालिनी मल्होत्रा के अनुसार आगामी 20 सितंबर को पितृ अमावस्या है। इस दिन यदि ही हम कुछ छोटे से उपाय करें तो निसंदेह आपकी समस्याओं का समाधान होगा। दोपहर के समय तांबे के लौटे में जल लेकर और तिल डालकर तर्पण करें। जल की छींटे अपने पर नहीं आने दें।
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पितृ अमावस्या को करें यह उपाय
- ब्राह्मण, गरीब, गाय, कुत्ते और कौआ को पूरी-खीर जरूर दें।
- अनाज का, वस्त्र का और जूते चप्पल का दान किसी जरूरतमंद दें।
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- पितरों से तर्पण के दौरान प्रार्थना करें कि हमारी सारी पीढ़ी आप को समर्पित है। कोई भूल हुई हो तो क्षमा करें।
- पान के पत्ते पर मिठाई रख कर पीपल पर रख कर आएं और धूप दीप जलाएं।
नीचे लिखे मंत्र को बोलें-
'ॐ पितृ देवाय' का जाप करें या आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।