इन 25 बच्चों की बहादुरी ने हर तूफान को किया था पस्त, PM मोदी उन्हें देंगे वीरता सम्मान
लखनऊ: इरादों को भर दो जान कि हर कामयाबी मंजूर हो जाएं, हौसले हो इतने बुलंद के जिंदगी से लफ्जों-ए- शिकस्त दूर हो जाएं। जिंदगी कहां मिलती है दोबारा, ऐसा करो काम कि बड़े से बड़ा तूफान भी झुकने को मजबूर हो जाए। कुछ ऐसा ही कारनामा हमारे देश के छोटे बच्चों ने भी किया है जिन्हें पीएम मोदी वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। केवल सीमा पर तैनात जवान ही अपनी बहादुरी का परिचय नहीं देते हैं। देश का भविष्य बच्चे भी अपनी बहादुरी से दूसरों के मिसाल कायम करते है। हर साल देश के बच्चों के मनोबल को बढ़ाने के लिए वीरता पुरस्कार दिया जाता है। इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को 25 बच्चों को उनके अदम्य साहस के लिए राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। इनमें 13 लड़के और 12 लड़कियां है। ये बच्चे रिपब्लिक डे परेड में भी हिस्सा लेंगे। 4 बच्चों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जा रहा है।
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किस राज्य के कितने बच्चे
जानते है कि उन बच्चों के बारे में जिनको ये सम्मान दिया जा रहा है जिनमे केरल से 4, दिल्ली से 3, वेस्ट बंगाल और छत्तीसगढ़ से 2-2 बच्चे हैं। यूपी, महाराष्ट्र, मणिपुर, असम, हिमाचल, नगालैंड, उत्तराखंड, राजस्थान, ओडिशा और कर्नाटक से 1-1 बच्चे है। मरणोपरांत सम्मानित होने वाले बच्चों में मिजोरम से दो, अरुणाचल और जम्मू से 1-1 है।
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जानें किस बच्चे को मिलेगा कौन सा सम्मान
इंटरनेशनल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करने वाली बच्ची पश्चिम बंगाल की शिवानी गोद (16) और तेजस्विता प्रधान (17) है। जिन्हें गीता चोपड़ा अवॉर्ड दिया जाएगा। अपने चचेरे भाई पर हमला कर रहे तेंदुए की पूंछ पकड़कर सुमित ममगई (15) ने दरांती से वार किया था इससे तेंदुआ भाग गया। इस अदम्य साहस के लिए सुमित को संजय चोपड़ा अवॉर्ड दिया जाएगा। बापू गेढानी अवॉर्ड से छत्तीसगढ़ के तुषार (15) को सम्मानित किया जाएगा। छत्तीसगढ की नीलम (8), राजस्थान के सोनू माली (9) और ओडिशा के मोहन सेठी (11), कर्नाटक की सिया वामनसा खोड़े (10), नगालैंड के थंगिलमंग लंकिम (10) , हिमाचल प्रदेश के प्रफुल्ल शर्मा (11), असम के टंकेस्वर पीगू (16), मणिपुर के मोइरंगथम सदानंदा सिंह (14), केरल के आदित्यन एमपी पिल्लई (14), उत्तर प्रदेश की अंशिका पांडेय (14), केरल की बिनिल मंजली (15), अखिल के शिबु (16), महाराष्ट्र की निशा दिलीप पाटिल (16) और केरल की बदरूनिसा केपी (15) को मोदी सम्मानित करेंगे।
किसी ने पकड़ा चोर तो किसी ने नदी में डूबे बच्चे को बचाया
भाई-बहन अक्षत-अक्षिता जो दिल्ली के रहने वाले है। स्कूल से घर आने के बाद चोर को पकड़ कर उसे पुलिस के हवाले कराया था। इसके ले उन्हें वीरता पुरस्कार दिया जाएगा। यमुना नदी में डूब रहे बच्चे को दिल्ली के नमन ने बचाया था। इसके लिए नमन को भी वीरता पुरस्कार दिया जाएगा।
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इन बच्चों ने लगा दी जान की बाजी
बादल फटने के कारण जम्मू और कश्मीर में नदी-नाले उफान पर थे। कुछ बच्चे स्कूल से घर लौट रहे थे। इनमें राकेश (14) और शेफाली (5) चकवा नाले पर बाढ़ में फंस गए। 12 साल की पायल उन्हें बचाने के लिए करीब 20 फीट गहरे पानी में कूद गई। लेकिन वह बचाने में कामयाब नहीं हो सकी। सभी तेज बहाव में बह गए।
13 साल की एच लालरियातपुई ने कार में बैठे अपने दो साल के चचेरे भाई को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। कार ढलान से नीचे जा रही थी। उसने छोटे बच्चे को कार से बाहर निकालने के लिए दरवाजा खोला और जमीन पर गिर गई। इस दौरान वह कार की चपेट में आकर गंभीर घायल हो गई। अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। दोनों को मरणोपरांत बापू गेढानी अवॉर्ड दिया जाएगा। ये बच्चे मिजोरम के है। इसी राज्य की रोलुआपुई स्कूल पिकनिक के दौरान नदी में अपनी एक दोस्त को भंवर में पंसा देख 18 फीट गहरी नदी में छलांग लगा कर दोस्त को किनारे तक ले आई, लेकिन खुद नदी के तेज बहाव में जा फंसी।
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इस बच्ची की बहादुरी पर सम्मान के साथ उसके नाम पर पुल बनाने का ऐलान
अरुणाचल की इस 8 साल की बच्ची जिसका नाम तारपीजू है जो अब हमारे बीच नहीं है। उसने अपनी 2 सहेलियों की जान बचाई थी। जब तारपीजू अपनी सहेलियों के साथ नदी पर कर रही थी तो उसकी सहेलियां नदी के तेज बहाव में बहने लगी। यह देख वह 5 फीट गहरी नदी में तारपीजू कूद गई और दोनों को सुरक्षित किनारे तक पहुंचाया। लेकिन वह डूब गई। सीएम ने उस नदी पर पीजू के नाम से पुल बनाने को कहा है। पीजू को भारत अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।