लखनऊ: हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ माह को काफी शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस महीने में पूजा-पाठ और दान-पुण्य का सर्वाधिक महत्व है। यह महीना पवित्र नदियों में स्नान कर पाप मुक्त होने के लिए भी जाना जाता है। ज्येष्ठ माह का पुराणों में बहुत महत्व है और इसी तरह इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का भी काफी महत्व माना जाता है। इस दिन यदि शास्त्रों द्वारा बताए गए उपाय किए जाएं तो व्यक्ति पर देवी-देवताओं की अपार कृपा होती है। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 9 जून यानि शुक्रवार के दिन है। यह दिन देवी लक्ष्मी का माना जाता है, इसलिए यह माना जा रहा है कि इस दिन यदि अनुकूल उपाय किए गए तो लक्ष्मी मां की कृपा होगी।
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ज्येष्ठ पूर्णिमा के एक दिन पहले गुरुवार पड़ रहा है तो ये दिन भी महत्वपूर्ण है। जो कि देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस ज्येष्ठ पूर्णिमा गुरुवार और शुक्रवार दोनों ही उपाय किए जाएं तो अधिक फल की प्राप्ति होगी। जानते हैं इस गुरु पूर्णिमा पर कैसे उपाय करेंगे कि जीवन में खुशहाली आएगी। 8 जून गुरुवार के दिन बृहस्पति व्रत रखें। पीले वस्त्र पहनें और पीले फल या अनाज का दान भी करें।
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व्रत के फलाहार में या घर पर बन रहे भोजन में भी पीले रंग के खाद्य पदार्थ शामिल करें। इस दिन सुबहर उठकर स्नानादि करके पीले वस्त्र धारण करें। एक पीले रंग के कपड़े पर भगवान बृहस्पति की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
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इसके बाद पीले चावल, केसर और भोग में पीले पकवान या फलों की मदद से पूजा करें अगले दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा, जो कि शुक्रवार के दिन है, इस दिन सुबह-सुबह महालक्ष्मी की पूर्ण विधि अनुसार पूजा करें। यदि विधि ना जानते हों तो केवल लक्ष्मी जी के बीज मंत्र या किसी भी लक्ष्मी मंत्र का एक माला जाप करते हुए देवी को भोग लगाएं।
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इसके बाद किसी मंदिर में जाकर झाड़ू दान करें। संभव हो तो मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध अर्पित करें और ॐ नम: शिवाय का जाप करें। इस मंत्र के लिए रुद्राक्ष मी माला का उपयोग करना अधिक लाभदायक होगा। यदि दूध से शिवलिंग अभिषेक ना कर सकें तो किसी गरीब या मंदिर में दूध का दान करें। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किसी विवाहित स्त्री को सुहाग का सामान दान करें, जैसे कि चूड़ियां, कुमकुम, लाल साड़ी, इत्यादि।