इस एकादशी को व्रत करने से नहीं लगता ब्रह्म हत्या का आरोप, जानिए इसका महत्व

Update: 2017-10-12 08:32 GMT

जयपुर:कार्तिक कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहते हैं। हर साल दीपावली से चार दिन पहले इस एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। इस एकादशी का नाम माता लक्ष्मी के नाम पर होने के कारण इसे रमा एकादशी कहा जाता है। चतुर्मास की अंतिम एकादशी होने के कारण इसका विशेष महत्व है।

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कार्तिक कृष्ण पक्ष में आने वाले त्योहारों का संबंध माता लक्ष्मी से होता है। दीपावली से पूर्व माता लक्ष्मी की आराधना रमा एकादशी से ही उनके उपवास से आरंभ होती है। अन्य एकादशी से अधिक प्रभाव रखने वाली रमा एकादशी का व्रत रखने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

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यह व्रत सौभाग्य लेकर आता है। इस व्रत के प्रभाव से ब्रह्म हत्या जैसे पाप भी दूर हो जाते हैं। इस दिन लक्ष्मी नारायण का व्रत रखने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत में तुलसी पूजा एवं भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करने का बड़ा महत्व है। इस व्रत से परिवार में कभी धन-धान्य की कमी नहीं रहती है।

 

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