यहां दशहरा पर नहीं, रामनवमी पर होता है रामलीला का मंचन, जानिए ऐसा क्यों?

Update: 2017-04-05 06:14 GMT

सहारनपुर: अक्टूबर-नवंबर माह के शारदीय नवरात्रि में विजयदशमी के दिन रामलीला का आयोजन देश के कोने-कोने में किया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि सहारनपुर जनपद के नकुड़ में रामलीला का मंचन विजय दशमी पर नहीं किया जाता है। यहां पर श्रीरामलीला का मंचन नव संवत्सर यानि मार्च-अप्रैल माह में पड़ने वाली रामनवमी के अवसर पर किया जाता है। इस अनोखी परंपरा के पीछे यहां एक धार्मिक मान्यता छुपी हुई है।

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कस्बा नकुड़ में श्रीरामलीला मंचन का अपना कई दशक पुराना इतिहास है। बताया जाता है कि एक बार कई साल पहले नगर में महामारी फैल रही थी। इस महामारी के चलते नगर के बड़े-बुजुर्गाें ने भूमिका खेड़ा पर जाकर मन्नत मांगी कि यदि महामारी रुक जाएगी तो श्रीराम जन्म के अवसर पर चैत्र मास में श्रीरामलीला का मंचन कराया जाएगा। मन्नत मांगने के बाद यह महामारी रुक गयी। तब से आज तक नगर में श्रीरामलीला मंचन की यह परम्परा निरंतर चलती आ रही है।

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यह भी कहा जाता है कि कई सालों तक नगर में साल में दो बार भी श्रीरामलीला मंचन की परम्परा रही है। चैत्र मास के साथ ही अश्विन मास में भी श्रीरामलीला का मंचन हुआ करता था। परंतु बाद में अश्विन मास में होने वाला मंचन किन्हीं कारणों से बंद हो गया था। परंतु चैत्र मास में होने वाला श्रीरामलीला मंचन का यह महोत्सव कई सालों से निरंतर चलता आ रहा है।

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