5 जनवरी को है संकष्टी चतुर्थी, इस दिन रखेंगे व्रत तो गणपति करेंगे हर संकट दूर

Update: 2018-01-03 00:40 GMT

जयपुर: संकष्टी चतुर्थी का शास्त्रों में बेहद महत्व है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसर प्रत्येक मास में दो चतुर्थी पड़ती है। पूर्णिमा के बाद पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के तौर पर जाना जाता है। हालांकि संकष्टी चतुर्थी तो हर माह पड़ता है, लेकिन माघ मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। शास्त्रों में इस चतुर्थी को तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी के अन्य नामों से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश और चन्द्र देव की पूजा का विधान है।

शास्त्रों के अनुसार जो कोई भी इस दिन विघ्नाहर्त्ता गणेश जी की उपासना करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं। इसके अलावे इस दिन गणेश जी की उपासना करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान से संबंधित समस्या दूर होती है।संकष्टी चतुर्थी इस बार 5 जनवरी (शुक्रवार) को है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजन से जीवन के सभी कष्टों का नाश होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा सबसे अधिक महत्व बताया गया है। इसके अलावे इस दिन गणेश जी की पूजा से अपयश और बदनामी के दुर्योग भी कट जाते हैं। इतना ही नहीं इस गणेश की पूजा से धन से संबंधित समस्या भी आसानी से दूर होती है।

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शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 4 जनवरी 2018, गुरूवार 21.31 बजे से

चतुर्थी तिथि समाप्त 5 जनवरी 2018, शुक्रवार 19.00 बजे तक

विधि

प्रातःकाल स्नान करके गणेश जी की पूजा का संकल्प ले। दिन भर जलधार या फलाहार ग्रहण करें। संध्याकाल में भगवान् गणेश की विधिवत उपासना करें। भगवान को तिल के लड्डू , दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें। चन्द्रमा को निगाह नीची करके अर्घ्य दें। भगवान गणेश के मन्त्रों का जाप करें। जैसी कामना हो , उसकी पूर्ति की प्रार्थना करें

संतान के लिए

रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य दें। भगवान गणेश जी के समक्ष घी का दीपक जलाएँ। उनको अपनी उम्र के बराबर तिल के लड्डू अर्पित करें। उनके समक्ष बैठकर "ॐ नमो भगवते गजाननाय " का जाप करें। पति - पत्नी एक साथ ये प्रयोग करें तो ज्यादा अच्छा होगा।

धन के लिए व सभी बाधा के लिए

पीले रंग के भगवान गणेश की आराधना करें। इनको दूब की माला अर्पित करें। इसके बाद लड्डू का भोग लगाएं।"वक्रतुण्डाय हुं" का जाप करें। धन लाभ की प्रार्थना करें। माला को अपने पास सुरक्षित रख लें।पीले वस्त्र धारण करके भगवान गणेश के समक्ष बैठें। उनके सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं। अपनी उम्र के बराबर लड्डू रखें। फिर एक एक करके सारे लड्डू चढ़ाएं। हर लड्डू के साथ "गं" कहते जाएं। इसके बाद बाधा दूर करने की प्रार्थना करें। एक लड्डू स्वयं खा लें, बाकी बाँट दें

संकष्टी चतुर्थी संतान प्राप्ति के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है। सुयोग्य संतान की प्राप्ति के लिए रात्रि में चन्द्र देव को अर्घ्य देना चाहिए। भगवान गणेश के समक्ष तिल के तेल का दीपक जलना चाहिए। भगवान गणेश को अपनी आयु के बराबर तिल का लड्डू अर्पित करना चाहिए। गणेश की प्रतिमा के समक्ष ॐ नमो भगवते गजाननाय इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप यदि पति-पत्नी एक साथ करें तो अत्यंत लाभ होगा।

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