कुछ उपायों के साथ इस मंत्र का रोज करेंगे जाप तो शनि नहीं डालेंगे आप पर बुरा प्रभाव

Update:2017-01-20 14:06 IST

लखनऊ: शनि ग्रह सूर्य के पुत्र है और उन को मकर और कुम्भ राशि का स्वामी माना जाता है। तुला राशि में ऊंच और मेष में नीच का होता है। ये लोहा धातु, नीलम रत्न, काला चना, तेल, तिल, उड़द आदि वस्तुओं का अधिपति है। शनि को आयु, रोग, मृत्यु विपत्ति, परिश्रम, सेवा, नपुंसक, तमोगुनी माना गया है। शनि देव को न्याय का देवता भी कहते हैं ।

शनि को काल पुरूष में पीड़ा एवं दुख का प्रतीक माना गया है। शनि कमजोर होगा तो होमोग्लोबीन कम होगा। मांसपेशियां कमजोर होगी। हाथ पर शनि का पर्वत नहीं है तो पिता के सुख में कमी रहेगी। या शनि के पर्वत पर तिल है तो शनि कमजोर है। पेट में गैस की प्रॉब्लम रहेगी हड्डियों में, दांत में दर्द रहेगा। अंगुलियां हाथ पैर में दर्द रहेगा। कमर झुका कर चलेंगे ।अगर बल है तो लम्बी आयु, लोकप्रियता, आदर्श, ऊंच पद आत्म नियंत्रण होगा ।

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इसके लिए करें ये उपाय :

सरसों के तेल की मालिश करना चाहिए ।

बिना जोड़ वाला लोहे का छला पहनें ।

जूते और छाता का दान करें ।

गायत्री मंत्र का पाठ करें। या रोजाना ॐ का मंत्र जाप करें 108 बार ।

घर में काम करने वाली की मदद करते रहें ।

कुष्ठ रोगियों को दान करें ।

सात्विक भोजन करें ।

झूठ फरेब से बचें ।

अनुशासन मे रहने की कोशिश करें ।

साफ सुथरे रहो ।

 

शिवलिंग पर जल चढ़ाए ।

फटे कपड़े या जूते ना पहनें।

पीपल लगाये और उनकी सेवा करें ।

किसी का बुरा न करें और ना सोचे ।

शनि शिवजी के बहुत ही बड़े भक्त थे तो शिवजी की उपसना करना भी लाभकारी होता है ।

हनुमान जी की पूजा जो करता है उसको शनि देव कभी नुकसान नहीं करते ।

शनि का मंत्र

ॐ शं शनैचराय नम: का जाप कर सकते हैं।

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