शनि अमावस्या को किया ये उपाय, बनाएगा आपको शनिदेव की कृपा पात्र

Update: 2017-11-17 05:48 GMT

जयपुर: शनि अमावस्या का शुभ संयोग बहुत कम अवसर पर बनता है। भविष्य पुराण के अनुसार शनि देव को शनि अमावस्या बहुत प्रिय है। शनि अमावस्या का दिन संकटों से समाधान के लिए बहुत शुभ माना गया है। साथ ही पितृ ऋण से मुक्ति के लिए भी यह दिन महत्व रखता है। इस बार शनि अमावस्या 18 नवंबर (शनिवार) को पड़ रहा है। शनि दोष की शांति के लिए इस दिन किया गया उपाय विशेष फलदायी होता है।

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शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत रखना, शनि दोषों से छुटकारा दिलाता है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिदेव के कवच, बीज मंत्र और स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

शनिवार व्रत कथा पढ़ना भी श्रेष्ठ माना जाता है। शनि अमावस्या के दिन व्रत के दौरान फल, दूध और लस्सी आदि ग्रहण कर सकते हैं।शाम के समय हनुमान जी और बटुक भैरव का दर्शन करें।

काले उड़द की खिचड़ी में काला नमक मिलाकर ग्रहण करना चाहिए। इसके अलावे काले उड़द दाल का मीठा हलवा भी ग्रहण कर सकते हैं। इस दिन किसी भी शनि मंदिर में काले तिल, काले उड़द, कली राई, काले वस्त्र, लोहे के पात्र और गुड़ दान करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावे शनि अमावस्या के दिन काले घोड़े की नाल और नाव की कील का रिंग बनाकर मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।

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ऐसा करने से शनि से संबंधित सभी दोष दूर होते हैं।शनि अमावस्या की संध्या काल में पीपल वृक्ष के चारों ओर 7 बार कच्चा सूत लपेटें। इस समय शनि के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके बाद पीपल की जड़ में तेल का दीपक जलाएं और शनि देव से क्षमा मांगे।

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