शादी के बाद नवविवाहित जोड़े ना लगाएं शिव को हाथ, कर बैठेंगे अनजाने में अपराध

Update: 2017-05-17 06:41 GMT

लखनऊ: हर किसी के लिए शादी जीवन का एक अहम हिस्सा है इसके साथ ही दोनों लोग एक साथ जुड़ते हैं और उनकी जिंदगी में नया मोड़ आने लगता है। वास्तुशास्त्र में कहा जाता है कि नव विवाहित जोड़ों को शादी के बाद बड़े-बुजूर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही भगवान के दरबार में भी जाकर सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद लेना चाहिए। लेकिन कुछ और भी काम है जो शादी के बाद सोच-समझ कर करना चाहिए। नहीं तो इससे रिश्तों में खटास आ जाती है।

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शास्त्रों में कहा गया है कि नव विवाहित जोड़ों को कभी भी किसी धार्मिक स्थल पर हनीमून पर नहीं जाना चाहिए। अगर आप फिर भी भगवान के दर्शन को जाना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि उस स्थल का संबंध भगवान शिव से न हों। कहा जाता है कि भले ही भगवान शिव ने पार्वती से शादी की थी, लेकिन भगवान शिव वैरागी थे। अगर एक साल के अंदर वह लड़की गर्भ धारण कर लेती है तो कहा जाता है कि होने वाला शिशु भी वैरागी बनता है।

शादी के एक साल तक नव विवाहित लड़की को शिवलिंग को छूने से बचना चाहिए। बल्कि उन्हें पार्वती मां की पूजा करनी चाहिए। एक साल के बाद यह मायने नहीं रखती।

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वहीं वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि नव विवाहित जोड़ों का शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए। ध्यान रखें कि आपका शयनकक्ष दक्षिण-पूर्व में कभी न हो, इससे दोनों के बीच क्लेश आएगा।

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वहीं आपको लकड़ी के बिस्तर पर सोना चाहिए और ध्यान रखें कि आपका सर दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो आप आपने कमरे का कलर ग्रीन, ब्लू, पिंक करवा सकते है। ध्यान रखें कि कमरे का कलर लाल न हो।

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