लखनऊ: देश के कई हिस्सों में आंशिक रुप से सूर्य ग्रहण दिखाई दिया। ये 2016 का पहला सूर्य ग्रहण है जो भारत में 5.45 मिनट से 6.48 मिनट तक आंशिक रूप से दिखाई दिया। भारत के पूर्वी हिस्सों में ग्रहण का ज्यादा प्रभाव रहेगा। लखनऊ और वाराणसी के अलावा सूर्यग्रहण चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, विशाखापट्नम, हैदराबाद, मंगलौर, मैसूर और रांची में भी दिखाई दिया।
और कहां-कहां दिखा ग्रहण
भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, म्यनमार,जापान,चीन और ताइवान में ग्रहण दिखाई दिया, लेकिन पूर्ण रुप से सूर्य ग्रहण इंडोनेशिया और मलेशिया में ही दिखाई दिया। इस तरह का 320 साल बाद लगे सूर्य ग्रहण के प्रति लोगों में उत्साह भी दिखा। ग्रहण के एक दिन पहले मंगलवार 8 मार्च को 5.24 मिनट पर सूतक काल लगने से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए।पंडितों का मत है कि ग्रहण कुछ राशियों के लिए वरदान है। दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों में पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा। हालांकि यह कुछ समय के लिए ही था। दक्षिण पूर्व एशिया में 8 हजार 800 मील की लंबाई और 97 मील की चौड़ाई में पूरा सूर्यग्रहण लगा। विशेषज्ञों के अनुसार साल में एकबार सूर्यग्रहण होता है जब चन्द्रमा ,सूर्य और धरती के बीच में होता है। सूर्य को ढ़क लेता है। सूर्य ग्रहण को सीधी नंगी आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए। इससे आंख की रोशनी जाने का खतरा होता है। इसे फिल्टर्ड टेलीस्कोप से देखा जाना सही होता है।