जयपुर: सोमवती अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है। इस बार यह योग आज यानी 18 दिसंबर को बन रहा है। बहुत समय बाद सोमवती अमावस्या सोमवार को पड़ रही है। इस दिन स्नान का विशेष महत्व होगा। मान्यता है कि इस दिन नदी में स्नान दान कर मंदिरों में पूजन करने से पुण्यफल मिलता है। कई श्रद्धालु पितृमोक्ष तीर्थों में पिंडदान, तर्पण और पूजन करते है।
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*इस दिन आप पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें और 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें।
*इस दिन आप सूर्य देव को ताम्र बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य दें।
*इस दिन दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। पितृस्तोत्र या पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए।
*मान्यता है कि सोमवती अमावस्या को यदि स्नान और पूजा के बाद तुलसी की 108 बार परिक्रमा की जाए तो दरिद्रता दूर होती है। इसके साथ सूर्य भगवान को अर्घ्य देना और ओंकार नाम का जाप करना भी बहुत ही शुभ फलदाई माना गया है।