सावन के पहले बुधवार पर सजा बुद्धेश्वर मंदिर, रात से ही दर्शन के लिए जुटी भीड़

Update:2017-07-12 14:34 IST

लखनऊ: सावन शुरू होते ही मंदिरों में सोमवार को शिव भक्तों की भीड़ दिखनी शुरू हो जाती है। कहा जाता है कि सावन के सोमवार को भगवान भोलेनाथ के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पर आपको जानकर हैरानी होगी कि लखनऊ के मोहान रोड पर स्थित 'बुद्धेश्वर मंदिर' की अलग ही मान्यता है। यहां सोमवार को तो भक्तों की भीड़ जुटती ही है, लेकिन उससे ज्यादा महत्त्व सावन में पड़ने वाले बुधवार दर्शनों का होता है।

बुद्धेश्वर मंदिर में सावन के पूरे महीने भर खास मेला लगता है। यहां बुधवार को दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। आज सावन का पहला बुधवार है। बुद्धेश्वर महादेव श्रृंगार समूह के मुख्य सदस्य विपिन यादव ने बताया कि सावन में पड़ने वाले हर बुधवार को यहां काफी श्रद्धालु आते हैं। पहले बुधवार पर भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है। उन्होंने बताया कि पहले बुधवार को सुबह 2 बजे से ही भक्त दर्शन के लिए आने लगे, जिसके चलते तड़के ही कपाट खोल दिए गए थे।

क्या-क्या हैं व्यवस्थाएं

-सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर व मेला परिसर में भारी पुलिस तैनात की गई है

-मंदिर में दर्शन के लिए महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइनें लगाई गईं हैं

-बिना लाइन के कोई भी शिवभक्त को मंदिर के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया गया।

-मंदिर के भीतर किसी भी शिवभक्त को नारियल व शीशी की बोतल आदि नहीं ले जाने दिया जा रहा।

-मंदिर व मेला परिसर में सीसीटीवी कैमरा भी लगाये गए हैं।

आगे की स्लाइड में जानिए मंदिर की मान्यता

क्या है मंदिर की मान्यता

भारत देश का एक मात्र शिव मंदिर, जहां बुधवार के दिन भोले शिव बाबा के दर्शन करना बहुत लाभ दायक है और मनोकामना पूर्ण करने वाले शिव बाबा हैं। प्राचीन कथा यह है कि जब भगवान राम जी ने लक्ष्मण जी को माता सीता जी को वन छोड़ने के लिए कहा, तो लक्ष्मण जी मोहान होते हुए यहां पर रुके थे। पहले यहां पर एक ऋषि आश्रम था। लक्ष्मण जी का मन बहुत शांत था।

उनकी बुद्धि काम नहीं कर रही थी कि माता सीता जी को वह वन में कैसे छोड़ पाएंगे? तभी लक्ष्मण जी ने शिव को ध्यान किया और उनको बुद्धि मिली। उस दिन बुधवार था। उसके बाद संतों ने यहां ने मंदिर बनवाया। तब इस मंदिर का नाम 'बुद्वेश्वर महादेव मंदिर' पड़ा। बुधवार के दिन बाबा के करने से सभी मानसिक कष्ट दूर होते हैं और मनोकामना पूर्ण होती है।

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