जयपुर: सूर्य की उपासना मकर संक्रांति के दिन अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है। सूर्य को नवग्रह में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली मानते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को न्याय के देवता शनि देव का पिता भी माना गया है। मकर संक्रांति पर इस बार सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है, जो कि सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास है। ज्योतिष विद्या में यह मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ होता है वह उच्चपद प्राप्त करता है। साथ ही सूर्य के प्रभाव से उसकी ख्याति और प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है। सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामी ग्रह भी माना गया है।
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ज्योतिष के अनुसार सूर्य की दशा 6 वर्ष के लिए होती है। सूर्य का रत्न माणिक्य है। सूर्य की प्रिय वस्तुएं गाय, गुड़, और लाल वस्त्र आदि हैं। तांबा और सोना को सूर्य का प्रिय धातु माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जो कि अत्यंत शुभ फलदायक साबित होते हैं। शास्त्रों में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। रविवार के दिन गेहूं और गुड़ गाय को खिलाने या किसी ब्राहमण को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही कुण्डली का सूर्य मजबूत होता है।
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विष्णु पुराना के अनुसार रविवार के दिन सूर्य देव को आक का एक फूल श्रद्धा पूर्वक अर्पित करने से मनुष्य को 10 अशर्फियां मिलने जैसा फल मिलता है। इतना ही नहीं, इस फूल को चढ़ाने से व्यक्ति करोड़पति भी बन जाता है। भगवान सूर्य खुश करने के लिए रात के समय कदम्ब और मुकुर के फूल अर्पित करना श्रेयस्कर माना जाता है। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए बेला का फूल ही एक ऐसा फूल है जिसे दिन या रात किसी वक्त चढ़ा सकते हैं। इसके अलावे कुछ फूल ऐसे भी हैं, जिसे सूर्य देव को कदापि नहीं चढ़ाना चाहिए। ये पुष्प हैं गुंजा, धतूरा, अपराजिता और तगर आदि।