राजस्थान स्थित गोगामेड़ी मंदिर में प्याज और मसूर की दाल का भोग लगाया जाता है। यहां आने वाले भक्तों को प्रसाद के रूप में प्याज दी जाती है। लोग इसे घर ले जाकर इस प्रसाद का इस्तेमाल सब्जी बनाने के लिए करते हैं।
रत्नागिरी के गणपतिपुले मंदिर में बूंदी, पापड़ और खिचड़ी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। यहां आने वाले सभी भक्तों को खिचड़ी, पापड़ और बूंदी का ही प्रसाद दिया जाता है।
तमिलनाडू के अलागर कोविल मंदिर में भक्तों को साउथ इंडियन डिश डोसे को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। यहां भक्तों को गरमा-गरम सांभर और डोसे का प्रसाद बांटा जाता है।तमिलनाडू के मुरुगन स्वामी मंदिर में हर दिन अलग-अलग तरह के फलों से बना फ्रूट जैम का भोग लगता है और यही प्रसाद के रुप में बांटा जाता है।केरल के वडकुनाथन शिव मंदिर में प्रसाद के रूप में किताबें और एकेडेमिक से जुड़ी चीजें दी जाती हैं।