वास्तुशास्त्र: इन चीजों को घर में गलती से भी न दें जगह, वरना रहेंगे हमेशा परेशान
कबूतर का घोसलाः शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि घर में कबूतर का घोसले होने से बीमारी व आर्थिक स्थिति खराब बनी रहती है। अगर घर के किसी भी हिस्से में कबूतरों का निवास है, तो उसे तुरंत वहां से हटा दें।
मधुमक्खी का छत्ताः मधुमक्खी का छत्ता घर में अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करता है जैसे-परिवार में रोग, घर में दरिद्रता, परिवार के सदस्यों आपस में तनाव, बच्चों की शिक्षा में बाधा आना आदि। मधुक्खी का छत्ता अति शीघ्र घर से हटा देना चाहिए।
मकड़ी के जालेः घर में मकड़ी का जाला लगा रहने से नकारात्मक ऊर्जा का वास रहता है। कार्यो में रूकावटें आती रहती है एंव भाग्य के बल में कमी आती है। घर में मकड़ी का जाला लगा रहने से धन की स्थिति भी डावांडोल रहती है। इसलिए घर में मकड़ी का जला न लगा रहने दें।
टूटा हुआ शीशाः टूटा दर्पण यानि फूटा भाग्य। टूटा दर्पण नहीं देखना चाहिए क्योंकि इससे भाग्य का पक्ष कमजोर होता है। वास्तु के अनुसार घर में टूटा हुआ शीशा रखने से मानसिक व्याधियां बनी रहती है तथा यह घर में दरिद्रता भी पैदा करता है।
घर में चमगादड़ रहनाः घर में चमगादड़ का रहना दुर्भाग्य का सूचक होता है। चमगादड़ घर में बीमारी, तनाव, दुर्घटना आदि का निमंत्रण देता है। यदि आपके घर से कहीं पर आसानी से चमगादड़ दिखते हैं, तो शाम के वक्त घर की खिड़कियां बंद कर लेनी चाहिए। दीवारों में छिद्रःघर की दीवारों में जगह-जगह छिद्र होना अशुभ माना जाता है क्योंकि उन स्थानों से भवन में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, जिससे घर में धन की बरक्कत न होना, दुर्घटनाएं होना, रोग में वृद्धि होना आदि समस्याएं बनी रहती है।
टपकता हुआ नलः यदि घर में कहीं पर भी नल का पानी टपक रहा है, तो यह अशुभ संकेत है। जल ही जीवन है और यदि घर में जल बेवजह बर्बाद होगा, तो परिवार में अनेक प्रकार के संकट उत्पन्न होंगे। जैसे-जीवन साथी से अनबन, बच्चों का स्वास्थ्य खराब रहना आदि प्रॉब्लम बनी रहती है।
छत पर कबाड़ रखनाः घर की छत शरीर के सिर के समान होती है। यदि सिर पर कोई भारी सामान रखा रहें तो स्वाभाविक है कि सिर में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। ठीक उसी प्रकार से घर की छत पर बेकार का कबाड़ रखने से घर में विभिन्न प्रकार की दिक्कतें आती हैं। जैसे-घर के सदस्यों को तनाव रहना, कार्यो में बाधाएं आना, मांगलिक कार्यो में रूकावटें आना, नवयुकों-नवयुतियों के विवाह में विलंब होना आदि।