सहारनपुर: विक्रम संवत 2075 का प्रारंभ 18 मार्च ;रविवार से हो रहा है यानी इस दिन ही हिंदू पंचांग के अनुसार नया साल आरंभ होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस संवत्सर का नाम विरोधकृत है। इस साल के राजा सूर्य होंगे और उनके मंत्री शनि महाराज रहेंगे। यानी राजा और मंत्री के विचारों में विरोध बना रहेगा। ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू के अनुसार दो परस्पर शत्रु ग्रह, सूर्य एवं शनि अर्थात राजा एवं प्रजा के मध्य मतभेद रहेंगे। जनता व सरकार के बीच विचारधाराएं अलग हो जाएंगी। मार्च के उप चुनावों में यह पहले ही परिलक्षित हो गया है।
मई अंत तक खप्पर योग के कारण चीन व पाकिस्तान की ओर से सीमा विवाद बढ़ेगा। अगस्त - सितंबर में कालसर्प योग के कारण अस्थिरता का वातावरण बनेगा। चीन का बाजार धीमा पड़ेगा। किसान और जनआन्दोलन फिर पनपेंगे। विदेश नीति से भारत का वर्चस्व बढ़ेगा। कुछ राज्यों में अलग राज्य विभाजन की मांग उठ सकती है। कर्नाटक में भाजपा परचम लहराएगी। राजा सूर्य हो तो वर्षा में कुछ कमी आ सकती है। महंगाई बढ़ने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। कम वर्षा से पैदावार में कमी होने से कृषि और दूध उत्पादकों को परेशानी होगी। दुग्ध उत्पादों की कीमत बढ़ेगी।
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सत्ता पक्ष के मजबूत होने की संभावना रहेगी। मगर राजनेताओं में परस्पर टकराव एवं विरोध की स्थिति बरकरार रह सकती है। इस वर्ष रेल और वाहन आदि दुर्घटनाओं के समाचार अधिक सुनने को मिल सकते हैं। आतंकी घटनाओं में कमी आएगी। छिटपुट घटनाओं के होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। मौसम में आए परिवर्तन से इस साल विचित्र एवं गंभीर रोगों की अधिकता भी रह सकती है। राजा सूर्य होने से तापमान एवं गर्मी में वृद्धि से लोगों को कष्ट का सामना करना पड़ता है। हालांकि विश्व पटल पर भारत की छवि उज्ज्वल बनेगी और देश की हर कहीं सराहना होगी।
पश्चिम एशिया में युद्ध छिड़ने के योग बन रहे हैं। पेट्रोल और डीजल के दामों में तेजी आएगी। किसी फैसले से शेयर बाजार में उथल.पुथल की स्थिति मचेगी। इस साल 13 जुलाई को सूर्य ग्रहण, 27/28 को चंद्र ग्रहण, 11 अगस्त को फिर सूर्य ग्रहण लगेंगे।