इन कामों को करने के बाद जरूर करें स्नान, नहीं तो झेलना पड़ेगा बुरा परिणाम
लखनऊ: हिंदू धर्म में साफ-सफाई का बहुत महत्व है फिर चाहे वह शारीरिक, मानसिक या आध्यात्मिक हो। धर्म को मानने वाले को दिन में तीन बार स्नान करना चाहिए। हिंदू धर्म में हर किसी को फिर चाहे वो लड़का हो या लड़की सबके लिए हाथ-पैर धोने का नियम है। जब वे घर आते हैं और खाना खाने से पहले और बाद में अच्छे से हाथ और पैर धोने चाहिए।
हमारे प्राचीन शास्त्रों में बताया गया है कि रोज़ स्नान करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। साथ ही, मांसपेशियों पर दबाव कम होता है और दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति बढ़ती है जिससे शरीर के भीतर होने वाले संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है।
आगे पढ़ें...
चाणक्य के अनुसार, मनुष्य को ये 4 काम करने के बाद खुद को साफ रखना चाहिए। चाणक्य कहते हैं नियमित रूप से व्यक्ति को स्नान करना चाहिए या फिर इसे ना करके स्वास्थ्य को खतरे में डालने का खतरा उठाना चाहिए।
तैलाभ्यङ्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि। तावद् भवति चाण्डालो यावत्। स्नानं न चाचरेत्।
स्नान करने की ख़ुशी ऊपर दिए गए श्लोक में, चाणक्य बताते हैं कि मानव का सबसे बड़ा सुख उसके स्वास्थ में है। आहार का तरीका और हमारे रहने के तरीके से हमारे स्वास्थ्य का पता चलता है। बहुत सारी बीमारियों को हम बस हाथ पैर धोने से दूर कर सकते हैं। तो, इन 4 परिस्थितियों में व्यक्ति बिना कुछ सोचे स्नान करना चाहिए। जिससे उसका स्वास्थ्य अच्छा रहे।
संभोग चाणक्य के अनुसार दम्पति संभोग के बाद अयोग्य और अशुद्ध हो जाते हैं। इसलिए किसी भी धार्मिक काम को करने से पहले उन्हें स्नान करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि संभोग के बाद बिना स्नान किए घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यह साफ-सफाई और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है।
अंतिम संस्कार के बाद चाणक्य यह कहते हैं कि अंतिम संस्कार के बाद व्यक्ति को घर में प्रवेश करने से पहले स्नान करना चाहिए, क्योंकि मृत्यु के बाद शरीर रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता खो देता है। अंतिम संस्कार स्थल पर जब शरीर पंच तत्व में मिलने जा रहा होता है, तब वहां गए लोगों को संक्रमण होने डर रहता है। इसलिए उस व्यक्ति को घर में प्रवेश करने से पहले स्नान करने की सलाह दी जाती है।
आगे पढ़ें...
तेल मालिश आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्वस्थ शरीर और चमकदार त्वचा के लिए व्यक्ति को हफ्ते में एक बार पूरे शरीर में मालिश करनी चाहिए। तेल लगाने से त्वचा के रोम छिद्र खुलते हैं जिससे शरीर की गंदगी बाहर आती है। इसलिए मालिश के बाद थोड़ी देर रुक कर स्नान करना चाहिए।
बाल कटवाने के बाद चाणक्य कहते हैं कि बाल कटवाने के बाद, त्वचा में इसके छोटे-छोटे रेशे छूट जाते हैं। जो स्नान करने से साफ़ होते हैं। एक बार यह रेशे हमारे शरीर में रह गये तो यह त्वचा के कीटाणु के लिए भोजन बन जाएंगे।