9 जुलाई, धर्म के अनुसार है खास, इस दिन प्रात:काल करें ये काम

Update: 2018-07-07 06:25 GMT

जयपुर :योगिनी एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है। योगिनी एकादशी का महत्व पुराण में बताया गया है। इस महीने योगिनी एकादशी 9 जुलाई 2018 (सोमवार) को है। योगिनी एकादशी को शयनी एकादशी की कहा जाता है। क्योंकि इस एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी पड़ती है। शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु शयन में चले जाते हैं।

महत्व योगिनी एकादशी का व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल देता है। इसके व्रत से समस्त पाप दूर हो जाते हैं और अंत में स्वर्ग प्राप्त होता है।योगिनी एकादशी व्रत करने से पहले की रात्रि में ही व्रत एक नियम शुरु हो जाते हैं। यह व्रत दशमी तिथि कि रात्रि से शुरु होकर द्वादशी तिथि के प्रात:काल में दान कार्यो के बाद समाप्त होता है।

 

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विधि एकादशी तिथि के दिन प्रात: स्नान आदि कार्यो के बाद, व्रत का संकल्प लिया जाता है। स्नान करने के लिये मिट्टी का प्रयोग करना शुभ रहता है। इसके अतिरिक्त स्नान के लिये तिल के लेप का प्रयोग भी किया जा सकता है।स्नान करने के बाद कुम्भ स्थापना की जाती है, कुम्भ के ऊपर श्री विष्णु जी कि प्रतिमा रख कर पूजा की जाती है। धूप, दीप से पूजन किया जाता है। व्रत की रात्रि में जागरण करना चाहिए। दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रती को तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए और इसके अतिरिक्त व्रत के दिन नमक युक्त भोजन भी नहीं किया जाता है। इसलिए दशमी तिथि की रात्रि में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।

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