साहब मैं जिंदा हूं: महोबा में तख्ती डालकर जिंदा होने की गुहार लगाने पहुंचे 6 बुजुर्ग, डेढ़ वर्ष से नहीं मिली पेंशन

साहब मैं जिंदा हूं: गले में तख्ती लटकाए घूम रहे यह सभी बुजुर्ग अपने जिंदा होने की खुद गवाही देने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि सरकारी कागजों में इन्हे मृत घोषित कर दिया गया है।;

Report :  Imran Khan
Update:2022-07-26 19:56 IST
6 elders arrived in Mahoba to plead to be alive, did not get pension for one and a half year

महोबा: तख्ती डालकर जिंदा होने की गुहार लगाने पहुंचे 6 बुजुर्ग: Photo- Social Media

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Mahoba News: बुंदेलखंड के महोबा में सरकारी मशीनरी की गड़बड़ी के चलते 6 बुजुर्गों को कागजों में मृत दिखा दिया गया (6 elderly people were shown dead on paper) जिससे उन्हें पिछले डेढ़ वर्षों से वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रही। ऐसे में पीड़ित बुजुर्गों ने गले में "साहब मैं जिंदा हूं" लिखकर तख्ती डाल डीएम की चौखट पर पहुंच न्याय की गुहार लगाने लगे। पीड़ित बुजुर्गों ने पूर्व सचिव पर रिश्वत ना देने पर सरकारी कागजों में उन्हें मृत दर्शा दिया गया जिससे उन्हें मिलने वाली वृद्धा पेंशन रुक गई। आर्थिक तंगी और गरीबी से परेशान सभी वृद्धजनों ने डीएम से मामले की शिकायत की है।

गले में "साहब मैं जिंदा हूं"

गले में "साहब मैं जिंदा हूं" कि तख्ती लटकाए घूम रहे यह सभी बुजुर्ग अपने जिंदा होने की खुद गवाही देने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि सरकारी कागजों में इन्हे मृत घोषित कर दिया गया है जिससे सरकार से मिलने वाली वृद्धा पेंशन इनकी रोक दी गई। जब उन्हें पता चला कि उन्हें कागजों में मरा दर्शा दिया गया तो सभी हैरत में पड़ गए और मजबूरन अपने जिंदा होने का सबूत देने के लिए सभी अपने गले में "साहब मैं जिंदा हूं" कि तख्ती डाल कर डीएम की चौखट तक पहुंचे हैं और पेंशन शुरू किए जाने की गुहार लगा रहे हैं।

पिछले डेढ़ वर्षों से नहीं मिली पेंशन

सरकारी मशीनरी की घोर लापरवाही का यह मामला महोबा तहसील क्षेत्र के ग्राम पचपहरा से जुड़ा है जहां पूर्व सचिव ने 6 वृद्धजनों को कागजों में मृत दिखा दिया। गले में जिंदा होने की तख्ती टांगे यह सभी वृद्ध पचपहरा गांव के रहने वाले हैं। वृद्ध सरमन, गिरजारानी, कलिया, सुरजी, नंदकिशोर, राकेशरानी सरकार से मिलने वाली वृद्धा पेंशन के भरोसे अपना गुजर-बसर कर रहे हैं लेकिन पिछले डेढ़ वर्षों से इनके खातों में पेंशन नहीं आ रही। असहाय और गरीब इन सभी को वृद्धा पेंशन नहीं मिली तो उन्होंने समाज कल्याण विभाग में पता किया जहाँ सबके तब होश उड़ गए जब इन्हे बताया गया कि वो सभी कागजों में मृत हो चुके है।

जिलाधिकारी की चौखट पर पहुंचे सभी वृद्धजनों ने लिखित प्रार्थना पत्र के साथ-साथ एक हलफनामा भी जिलाधिकारी को सौंपा जिसमें उन्होंने बताया कि उनके जिंदा होने के बावजूद भी पूर्व ग्राम विकास अधिकारी ने पेंशन सत्यापन के नाम पर ₹500 की रिश्वत न देने पर उन्हें मरा हुआ कागजों में दिखा दिया।

वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रही

जिस कारण उनकी पेंशन आना बंद हो गई और उनकी आर्थिक स्थिति पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। सभी को डेढ़ साल से उन्हें वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रही। दिए गए हलफनामे में सभी वृद्धों ने जिला अधिकारी से गुहार लगाते हुए यह भी बताया की पूर्व सचिव ने जानबूझकर ऐसा कृत्य किया है जिसका प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा है। बुजुर्ग बताते हैं कि सरकारी मशीनरी की इस लापरवाही से उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

वृद्धा पेंशन शुरू किए जाने की गुहार लगा रहे हैं

पचपहरा ग्राम पंचायत के पूर्व सचिव की लापरवाही से इन बुजुर्गों को पेंशन मिलना बंद हो गई। अब सभी बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए डीएम की चौखट पर तख्ती डालकर जिंदा होने की दुहाई दे रहे हैं और फिर से वृद्धा पेंशन शुरू किए जाने की गुहार लगा रहे हैं।

- सरमन (पीड़ित वृद्ध)

- कलिया (पीड़ित वृद्ध)

- नंदकिशोर (पीड़ित वृद्ध)

- रामाधीन (पीड़िता का पति)

- गिरजारानी (पीड़िता)

इस पूरे मामले को जिलाधिकारी मनोज कुमार ने गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच सीडीओ को सौंपी है ताकि यह साफ हो सके इस मामले में कोई षड्यंत्र के तहत वृद्धजनों को कागजों में मृत तो नहीं दिखाया या फिर कोई तकनीकी कमी के कारण ऐसा हुआ है। फिलहाल डीएम ने पूरे मामले की जांच के बाद कार्यवाही करने की बात कही है।

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