मेरठ में कर्ज में डूबे किसान ने फांसी लगाई,रालोद ने दी सड़क पर उतने की धमकी
मेरठ: देशभर में कृषि संकट के चलते किसान आत्महत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। उत्तर प्रदेश के संपन्न माने जाने वेस्ट यूपी के मेरठ जिले के सलावा गांव में कर्ज से मानसिक तनाव में आए एक किसान ने खेत में जाकर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।
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कर्ज के चलते फांसी लगा कर मौत को गले लगाने वाले किसान का नाम ओमवीर(45) पुत्र संतराम निवासी गांव सलावा था। परिजनों का कहना है कि कर्ज के चलते काफी समय से किसान परेशान था। घटना को लेकर इलाके के ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।राष्ट्रीय लोकदल ने तो किसानों के मुद्दे पर सड़कों पर उतर कर गंभीर कदम उठाने की चेतावनी दे डाली है।
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घटना के संबंध में सरधना के एसडीएम अमित कुमार ने आज न्यूजट्रैक से बातचीत में किसान की फांसी लगा कर आत्महत्या किये जाने की बात तो स्वीकार की है,लेकिन उनका कहना है कि किसान को घरेलू परेशानी थी जिसके कारण उसे आत्महत्या की है। हालांकि एसडीएम ने किसान को घरेलू परेशानी क्या थी। इसका जवाब नहीं दे सके। एसडीएम ने किसान पर बैंक और सहकारी समिति के कर्ज की बात स्वीकार तो की है, लेकिन उनका कहना है कि तहसील से किसान की न तो आरसी जारी की गई थी और न ही कोई टीम उसके घर गई थी।
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वहीं, दूसरी ओर मृतक किसान के परिजन और गांव के लोंगो का कहना कि पुराने ऋण को चुका नहीं पाने के कारण ओमवीर परेशान था। मृतक किसान ओमवीर की पत्नी कविता का कहना है कि उसके पति ने एक बैंक से करीब साढ़े तीन लाख रुपये और सहकारी समिति से करीब 80 हजार रुपये का कर्ज लिया था। इसको नहीं चुका पाने के कारण वह पिछले काफी समय से परेशान चल रहे थे। कविता ने जो कुछ बताया है उसके अनुसार घटना के दिन यानी कल ओमवीर दोपहर में जगंल में खेत पर गया था। शाम तक घर नही लौटने पर परिजनों ने तलाश की तो ओमवीर का शव अपने ही खेत पर खड़े पेड़ पर फांसी पर लटका मिला।
घटना पर अफसोस जताते हुए प्रदेश के पूर्व सिंचाई मंत्री एवं राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता डॉ. मैराजुद्दीन एवं वेस्ट यूपी प्रभारी राज कुमार सांगवान ने कहा कि एक तरफ देशभर में किसान तबाह होकर आत्महत्या कर रहें हैं वहीं सरकार लोंगो का ध्यान बंटाने के लिए एक बार फिर से राम मंदिर का मुद्दा छेड़कर माहौल सांप्रदायिक करने की कोशिशों में जुटी है। रालोद नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर प्रदेश सरकार किसानों को लेकर अपना रवैया नहीं बदलती तो रालोद किसानों के साथ सड़कों पर उतर कर गंभीर से गंभीर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।