IAS बनने का सपना हुआ पूरा, कोई था इंजीनियर तो कोई है इंस्पेक्टर

Update: 2016-05-11 05:10 GMT

मेरठः अधिकारी बनने के लिए किसी ने इंजीनियरिंग तो किसी ने पुलिस की नौकरी छोड़ दी है। गुप्ता कालोनी के मनीष ने यूपीएससी के इग्जाम में 983वीं रैंक पाई है तो वहीं चाणक्यपुरी के अखिल ने 251वीं रैक हासिल की है। मनीष गुड़गांव में इनकम टैक्स इंस्पेक्टर हैं और अखिल इंजीनियर हैं।

2012 में बनें इनकम टैक्स इंस्पेक्टर

-गुप्ता कॉलोनी निवासी मनीष चौहान ने यूपीएससी की परीक्षा में 983वीं रैंक पाई है।

-वर्धमान एकेडमी से 2006 में इंटर करने वाले मनीष ने 2009 में आईआईएमटी से बीसीए किया।

-उन्होंने दिल्ली से एमबीए किया। 2012 में मनीष का चयन इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के लिए हुआ।

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-मनीष गुड़गांव में कार्यरत हैं। उनका दूसरे प्रयास में चयन हुआ है।

-वह पिछली बार केवल आठ नंबर से मेरिट में जगह नहीं बना पाया था।

-मनीष के पिता श्याम सिंह चौहान बिल्डिंग मेटेरियल के कांट्रेक्टर हैं।

-मनीष के अनुसार वे सिविल सर्विस को ज्वाइन करेंगे।

-उनको 983वीं रैंक मिलने से परिवार में खुशी का माहौल है।

-पिता का कहना है कि उनका बेटा अब इंस्पेक्टर से अधिकारी बन जाएगा।

इंजीनियर की नौकरी छोड़ बना आईएएस

-चाणक्यपुरी निवासी अखिल गोयल ने 251वीं रैंक हासिल की है।

-अखिल ने इलाहाबाद से इंजीनियरिंग की है।

-इंजीनियरिंग करने के बाद उसने नोएडा में जॉब की। लेकिन बाद में जॉब छोड़ दी।

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-अखिल का कहना है कि उसने आईएएस की तैयारी के लिए ही जॉब छोड़ी थी।

-अखिल के पिता डीआईओएस कार्यालय में स्टेनो हैं।

-उसकी सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल है।

-अखिल को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली।

-इससे पहले उसने 2013 में यह परीक्षा दी थी।

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