हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- जांच के लिए क्यों ना अलग हो पुलिस

Update: 2016-08-20 13:32 GMT

इलाहाबाद: आपराधिक मामलों की सही विवेचना न कर लीपापोती करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी इलाहाबाद जोगेंद्र कुमार को तलब कर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने पूछा कि पुलिस अपराधों की ठीक से विवेचना क्यों नहीं कर पाती।

क्या कहा कोर्ट ने?

सरकार प्रशासनिक पुलिस से विवेचक पुलिस को अलग क्यों नहीं करती ताकि शहरी सुरक्षित महसूस कर सकें और अपराधियों में पुलिस का इकबाल कायम हो सके? सुभाष जायसवाल की याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस केजे ठाकुर की खंडपीठ ने ने सरकार से इस बावत जानकारी मांगी है और अगली सुनवाई की तिथि 29 अगस्त नियत की है।

किस केस पर हुई सुनवाई

मालूम हो कि याची ने फर्जी खाता खोलकर सिक्योरिटी राशि जमा कर हड़पने के आरोप में इलाहाबाद के विनोद और आशा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। जिस पर कोर्ट ने एसएसपी को तलब किया था।

अपराधियों को बचने का दिया जाता है मौका

कोर्ट ने कहा कि आखिर पुलिस अपराधियों को बचने का मौका देने वाली विवेचना करती है। यहां तक कि रेप केस में विक्टिम और आरोपियों को मेडिकल भी देरी से कराती है। क्या इन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया गया है कि विवेचना कैसे की जाए? एसएसपी ने स्टाफ की कमी और प्रशासनिक कामों के कारण समय की कमी बताया।

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