लखनऊ: अपहरण के एक मामले में आरेापी विधायक अमनमणि त्रिपाठी सेामवार को एक स्थानयी कोर्ट में हाजिर हुए। इस पर एडीजे अशोकेश्वर रवि ने दोनों के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त कर दिया है। उन्होंने दोनों मुल्जिमों को एक लाख का निजी मुचलका दाखिल करने व इस बात की अंडरटेकिंग देने पर कि वह इस मामले की प्रत्येक तारीख पर व्यक्तिगत रुप से अदालत मे उपस्थित होंगे।
सरकारी वकील मुनेश पाल यादव के मुताबिक सोमवार को अदालत के समक्ष अमनमणि हाजिर हुए और अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बीते 26 सितंबर को गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में उनकी पेशी थी। इसलिए उस दिन यहां उपस्थित नहीं हो सके थे। जबकि दूसरे आरोपी संदीप ने उस रोज वैवाहिक समारोह में जाने की बात बताई।
थाना गौतमपल्ली से संबधित अपहरण का यह मामला गवाही की प्रक्रिया में है। बीते 26 सितंबर को यह दोनों मुल्जिम अदालत में उपस्थित नहीं थे। जिसके चलते अभियोजन के गवाह की गवाही नहीं हो सकी थी। लिहाजा अदालत ने दोनों मुल्जिमों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था।
6 अगस्त, 2014 को इस मामले की एफआईआर गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय ने दर्ज कराई थी। बीते 28 जुलाई को अदालत ने इन दोनों मुल्जिमों पर इस ठेकेदार की हत्या के लिए अपहरण करने व रंगदारी मांगने के साथ ही जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय किया था।