नोटबंदी पर एसोचैम ने कहा- ऐसे इकाॅनमी नहीं चल सकती, फिर से विचार करें, वरना आ जाएगी मंदी

एसोसिएट चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने नोटबंदी पर कहा है कि इस तरह इकॉनमी नहीं चल सकती। पीएम मोदी और आरबीआई इस पर विचार करें। जहां लोगों के रोजगार की योजना नहीं है, वहां स्वाइप मशीन की बात की जा रही है।

Update:2016-12-07 17:17 IST

लखनऊ: एसोसिएट चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने नोटबंदी पर कहा है कि इस तरह इकॉनमी नहीं चल सकती। पीएम मोदी और आरबीआई इस पर विचार करें। जहां लोगों के रोजगार की योजना नहीं है, वहां स्वाइप मशीन की बात की जा रही है। इससे निम्न उदमियों, स्माॅल स्केल और माइक्रो इंडस्ट्री को धक्का लगेगा। इन सेक्टरों में जाॅब प्रभावित हुए हैं।

एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डीएस रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नोटबंदी से मंडिया प्रभावित हुई हैं। दिहाड़ी मजदूर, निर्माण उदयोगों पर भी असर पड़ा है। इससे मंदी की स्थिति आ सकती है। उन्होंने साफ कहा कि वह हम ब्लैक मनी को रोकने का समर्थन करते हैं। नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार की सोच भले ही अच्छी रही हो पर इसके इम्प्लीमेंटेशन में खामियां हैं। जीडीपी पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।

रियल इस्टेट और चुनाव है ब्लैक मनी के मुख्य स्रोत

-रावत ने कहा कि रियल इस्टेट और चुनाव ब्लैक मनी के दो मुख्य स्रोत हैं।

-पॉलिटिकल फंडिंग को ऑफिशियल कर देना चाहिए।

-पॉलिटिकल पार्टियों को एक रुपए का भी चंदा आए तो वह दिखाना चाहिए।

-इससे पॉलिटिकल करप्शन कम होगा।

-इसे कम करने के लिए लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराना चाहिए।

-रियल इस्टेट में स्टाम्प डयूटी को कम से कम कर देना चाहिए।

-इसके अलावा सरकार को टैक्स रिफाॅर्म को जल्द लागू करना होगा।

-ब्याज दरें कम करनी चाहिए।

-इससे इंडस्ट्री को राहत मिले और इकाॅनमी भी आगे बढ़ेगी।

-डीएस रावत ने कहा कि भारत अभी ऐसी स्थिति में नही है कि वह कैशलेश इकॉनमी पर जंप कर जाए।

-इसके लिए कम से कम 5 साल का समय चाहिए।

10 लाख नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा

-डीएस रावत ने कहा कि वैश्विक स्तर पर औदयोगिक क्रांति हो रही है।

-उससे रोबोटिक्स, कृत्रिम बुद्धि, जीनोमिक्स के रूप में नुकसानदेह टेक्नोलॉजी भी सामने आ रही है।

-इनकी वजह से सिर्फ भारत में अगले पांच साल में करीब 10 लाख नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।

-ऐसे में एसोचैम ने डिजिटल इंडिया टू रोबोटिक इंडिया स्टडी में सरकार, इंडस्ट्री और प्रबुद्ध वर्ग के बीच एक साझेदारी विकसित करने की जरूरत महसूस की है।

एसोचैम ने केंद्र और राज्य सरकार को दिए सुझाव

-डीएस रावत ने कहा कि देश के सर्विस सेक्टर में नौकरियों की संभावना है।

-इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई है।

-इस बारे में एसोचैम ने केंद्र और राज्य सरकार को अपने सुझाव दिए हैं।

-इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को मेक इन इंडिया के लिए रोबोटिक्स को प्रमुख तत्व के रूप में जोड़ना चाहिए।

-वैश्विक निर्माणकताओं को आकर्षित करने के लिए कार्यक्रम तैयार करना चाहिए।

-यूपी में आर्थिक विकास को गति देने के लिए निर्माण क्षेत्र में रोबोटिक्स प्रौदयोगिकी एक मानी हुई जरूरत है।

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