औरैया: हटाए गए कई मंदिर-मस्जिद, लोग हुए आक्रोशित, किया रोड जाम
गुरुवार की सुबह जैसे ही जिला प्रशासन को जानकारी हुई कि कुछ लोगों द्वारा हाईवे को जाम किया गया है।
औरैया। गत दिनों हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश सरकारों को निर्देश दिए गए थे कि सड़क किनारे बने मंदिर व मस्जिदों को चिन्हित कर हटाया जाए। जिससे कि यातायात सुगम बनाया जा सके और लोगों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। इसलिए जिला प्रशासन द्वारा ब्लॉक स्तर पर कमेटी का गठन करते हुए ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया था। जिसके तहत अजीतमल में गत दिनों मंदिर व मस्जिदों को हटाया गया। वहीं बुधवार की देर शाम जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी के साथ शहर में सड़क से सटाकर बनाए गए 5 मंदिरों को हटाया। जबकि मंगला काली रोड पर स्थित दो मजारों को भी सड़क किनारे से हटा दिया गया। मजारों को हटाए जाने के उपरांत गुरुवार की सुबह मंगला काली रोड पर विशेष समुदाय के लोगों ने आक्रोशित होकर रोड जाम कर दिया। मामले की जानकारी पाकर प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया।
गुरुवार की सुबह मंगला काली रोड पर गुरुवार की सुबह मजार हटाए जाने की सूचना पाते ही भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। इस भीड़ में विशेष समुदाय के लोग आक्रोशित दिखाई दे रहे थे। देखते ही देखते उन्होंने सड़क पर बल्ली, पत्थर आदि डालकर सड़क को अवरुद्ध कर दिया। मार्ग अवरुद्ध होते ही सड़क के दोनों ओर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। देखते ही देखते मौके पर सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। मामले की जानकारी पाते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया और घटनास्थल पर पहुंच गया। पुलिस प्रशासन द्वारा जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई।
सूचना पर पहुंची प्रशासन
सूचना पाकर अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान, उप जिलाधिकारी सदर रमेश चंद्र यादव, अपर पुलिस अधीक्षक शिष्यपाल एवं सीओ सिटी सुरेंद्र नाथ यादव पुलिस अमले के साथ मुस्तैदी से डटे दिखाई दिए। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने काफी प्रयासों के बाद लोगों को समझाया और तब कहीं जाकर जाम को खोला जा सका। जाम खोले जाने के करीब आधे घंटे बाद हालात पर काबू पाया गया और यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलने लगी।
मार्ग अवरुद्ध
बताते चलें जिला प्रशासन द्वारा अवैध रूप से बनाए गए मंदिर व मस्जिदों पर कार्रवाई लगातार कर रहा है। गुरुवार की सुबह जैसे ही जिला प्रशासन को जानकारी हुई कि कुछ लोगों द्वारा हाईवे को जाम किया गया है। इस पर एहतियात के लिए आसपास के थानों की फोर्स को भी बुला लिया गया और यमुना रोड को अवरुद्ध कर दिया गया। जालौन चौराहे से कोई भी वाहन अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। जब अधिकारियों के प्रयास के बाद लोग मान गए तब यातायात शुरू कराया गया।