Ayodhya Sawan Mela: अयोध्या में बढ़ गयी प्रशासन की सख्ती, मेले के मद्देनजर कई तरह के प्रतिबंध
अयोध्या में लगने वाले सावन मेले को संक्षिप्त करते हुए प्रशासन में राम नगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी संख्या में प्रवेश पर रोक लगाते हुए जिले की सीमाएं सील कर दी हैं।
Ayodhya Sawan Mela: उत्तर प्रदेश के धार्मिक नगरी अयोध्या में लगने वाले मेले को संक्षिप्त करते हुए प्रशासन में राम नगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी संख्या में प्रवेश पर रोक लगाते हुए जिले की सीमाएं सील कर दी हैं। इसके साथ ही साथ उन सभी भक्तों को वापस जाने के लिए कह दिया है, जो आकर के मेले के मद्देनजर अयोध्या में रुके हुए हैं। इस दौरान अयोध्या के जिला प्रशासन ने शहर के अंदर बाहर से आने वाले चार पहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और उनके आईडेंटिटी कार्ड चेक करने के बाद भी जिले की सीमा में प्रवेश करने दिया जा रहा है।
आपको बता दें कि सावन मेले के पहले दिन बुधवार को मणि पर्वत पर लगने वाले मेले और मंदिरों से निकलने वाली रथयात्राओं को जिला प्रशासन ने कोरोना के खतरे को देखते हुए स्थगित कर दिया था। साथ ही साथ अयोध्या में एक पखवाड़े तक चलने वाले सावन के मेले का शुभारंभ भले ही सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को कर दिया गया है, लेकिन जिला प्रशासन ने मेले पर तमाम तरह की प्रतिबंध और पाबंदी भी लगा रखी है।
राम नगरी में होने वाले इस आयोजन में भगवान के विग्रह को रथ पर सवार करके मणिपर्वत पर लाया जाता है और वहां पर उन्हें झूला झुलाया जाता है। यहीं से अयोध्या की नगरी में झूलनोत्सव का श्रीगणेश हो जाता है। हालांकि प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के मद्देनजर रथयात्राएं बुधवार को नहीं निकाली गयीं और श्रद्धालुओं को पुलिस ने शहर से बाहर करना शुरू कर दिया था। कुछ स्थानों पर भक्तों से अपील भी की जा रही है कि वह दर्शन पूजन करने के बाद शहर को छोड़ दें। पुलिस की टीम लगातार शहर के कई इलाकों में मुनादी के जरिए भक्तों को शहर से बाहर जाने की बात दोहरा रही है।
प्रशासन है अलर्ट
फिलहाल अयोध्या शहर के सभी प्रवेश मार्गों पर बैरियर लगाकर सीमाओं को सील करने का काम किया गया है और बाहरी लोगों के अयोध्या में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाई जा चुकी है। पुलिस प्रवेश मार्गों पर लोगों के आईडी कार्ड चेक करने के बाद ही जिले की सीमा में प्रवेश दे रही है। इस दौरान केवल स्थानीय लोगों को ही जिले में प्रवेश दिया जा रहा है। बाहर के सभी चार पहिया वाहनों को भी रामनगरी में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।
भीड़ के साथ स्नान पर रोक
इसके अलावा सरयू नदी में सामूहिक स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि यहां पर स्थानीय लोगों के स्नान पर कोई रोक नहीं रहेगी। यहां के संत-महंत और साधु भी अपने अपने भक्तों से अयोध्या न आने का निवेदन कर रहे हैं।
चौकन्ने देखे गए डीएम व एसएसपी
डीएम अनुज कुमार झा व एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने पुलिस फोर्स के साथ मणिपर्वत सहित पूरे मेला क्षेत्र का काफी देर तक निरीक्षण किया। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि श्रावण मेले का प्रथम दिवस होने के कारण कुछ लोग शहर की ओर आ रहे हैं। पूर्व में लाखों श्रद्धालुओं को आना होता था, किंतु इस बार कोविड की तीसरी लहर के आने की संभावनाओं के दृष्टिगत संतों के सहयोग से रथयात्रा आदि आयोजनों को रोक दिया गया है और सबको सहयोग करने के लिए कहा गया है।
महंत प्रेमदास नाराज हो गए
हर साल की तरह सावन मेले के पहले दिन रामनगरी में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़ की संभावना को देखकर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी थी। रामलला व हनुमानगढ़ी की ओर जाने वाले भक्तों को भी रोका गया था। पुलिस की इस तरह की सख्ती से हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास नाराज हो गए और उन्होंने जिलाधिकारी अनुज कुमार झा से फोन पर वार्ता कर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि जो भक्त मंदिर की चौखट तक पहुंच गए हैं, उन्हें दर्शन से रोकना उचित नहीं है। हालांकि इसके बाद डीएम के आदेश पर भक्त हनुमानगढ़ी व रामलला के दर्शन कर सके।
क्या कह रहे हैं जिलाधिकारी साहब
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए भक्तों से अयोध्या न आने की अपील की जा रही है। जो श्रद्धालु पहले से अयोध्या में रुके हैं, उन्हें भी वापस लौटने के लिए कहा जा रहा है। बाहर से किसी प्रकार की भीड़ अयोध्या में आने की अनुमति नहीं दी जा रही है। सरयू में सामूहिक स्नान पर प्रतिबंधित है। जिन भक्तों ने पिछले 24 घंटे में अपनी आरटी पीसीआर जांच कराई थी, उन्हें दर्शन की अनुमति दी गयी है।