Azamgarh News: राजनीतिक नेतृत्व करने वाले जनपद में किस्मत आजमा रहे बाहरी प्रत्याशी
Azamgarh News: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए आजमगढ़ में सभी पार्टियों ने बाहरी उम्मीदवार घोषित किए हैं। किसी भी पार्टी ने आजमगढ़ से उम्मीदवार नहीं चुना है।
Azamgarh News: किसी जमाने में देश और प्रदेश की राजनीति को दिशा देने वाले पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले के राजनीतिक सूरमाओं की दखलंदाजी समाप्त होने के बाद राजनीति की जो पौध खड़ी हुई उसमें वह ताकत नहीं दिखी जिससे इस राजनीति के अखाड़े में इस जिले का नाम रौशन हो सके। देश और प्रदेश की राजनीति में कभी अलगू राय शास्त्री, झारखंडे राय, सीताराम अष्ठाना, कालिका सिंह ,रामधन जी, चंद्रजीत यादव, कल्पनाथ राय, कामरेड जय बहादुर सिंह, रामहर्ष यादव, रामनरेश यादव आदि तमाम लोग इस माटी में जन्मे और राजनीति के क्षेत्र में अपनी अलग छाप छोड़ी।
बंजर हुई आजमगढ़ की राजनीतिक भूमि
वैसे तो पूर्वांचल की इस माटी के बारे में शायर एकबाल अहमद सुहैल ने लिखा था कि "ये खित्तै-ए-आजमगढ़ है मगर फैजान ऐ तजल्ली है अक्सर, जो जर्रा यहां से उठता है वह नैयर-ए-आजम होता है"। आज रोना इस बात का है कि राजनीति के क्षेत्र में हमेशा उर्वर रही यह भूमि इस कदर बंजर हो गई है कि आज इस चुनावी मैदान में बाहरी पहलवानों पर भरोसा किया जाने लगा। राजनीति की लहलहाती इस बगिया को जातिवाद रूपी दीमक ने चट कर दिया या फिर राजनीतिक अखाड़े में दांव आजमाने के लिए लंगोट बांधे राजनीतिक धुरंधरों का हौसला पस्त हो गया। किसे जिम्मेदार ठहराया, जाए कुछ भी कहना मुश्किल है।
सभी पार्टियों ने उतारे बाहरी उम्मीदवार
देश और प्रदेश की सत्ता सुख भोग रही भाजपा को इस जिले के जातिगत समीकरण को देखते हुए यादव बिरादरी से अभिनेता से नेता बने दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा गया है। तो समाजवादी पार्टी को अपनी इस पारंपरिक सीट पर राजनीति के दिग्गज पहलवान एवं सपा के संस्थापक स्व० मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव को दूसरी बार इस चुनावी दंगल में उतारना पड़ा। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा और सपा के उम्मीदवार घोषित कर दिए जाने के बाद जिले के मतदाता इस जिले के राजनीतिक तापमान को भांपते हुए बहुजन समाज पार्टी ने जिले की लालगंज लोकसभा सीट पर पड़ोसी जिला अंबेडकरनगर की मूल निवासी डा० इंदू चौधरी पर तो आजमगढ़ सदर लोकसभा सीट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मऊ जिले के रहने वाले भीम राजभर को ग्रीन सिग्नल दे दिया। इस तरह सदर लोकसभा सीट पर भाजपा, सपा और बसपा सभी राजनीतिक पार्टियों ने बाहरी उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। अब देखना यह कि जिले के समझदार मतदाता किस बाहरी प्रत्याशी को विजय का ताज पहनाते हैं। खैर आगे खेल और खेल की दिशा देखने के लिए अभी मतगणना तक इंतजार करना होगा।