Banda News: बच्चों को आगे बढ़ाने में माता-पिता का योगदान कम नहीं होता, बाँदा के नवम् दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने कहा

Banda News: राज्यपाल ने कहा कि किसानों को वैज्ञानिक ढंग से उन्नतशील खेती करना सिखाया जाना चाहिए । किसान को चाहिए कि बेहतर किस्म के बीजों तथा जैविक खाद का उपयोग करें।

Newstrack :  Network
Update:2024-01-29 21:24 IST

Banda News Today Program Governor Anandiben Patel 

Banda News: माता-पिता का बच्चों को आगे बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान रहता है, इसलिए बच्चे माता-पिता को कभी न भूले और हमेशा उनकी सेवा करें। जिन छात्र/छात्राओं को आज मेडल नहीं मिला है, वे सभी अपने जीवन के लिए इतना अच्छा कार्य करें कि उनका कार्य ही मेडल के रूप में प्राप्त हो और उनका नाम रोशन हो सके।ये बातें प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल में आज यहाँ कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,बाँदा के नौंवे दीक्षांत समारोह में कही। दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक छात्र/छात्राओं को पदक प्रदान किये। इससे पूर्व उन्होंने ग्रामीण महिला कौशल एवं उद्यमिता विकास केन्द्र का उद्घाटन फीता काटकर किया तथा महिला छात्रावास का शिलान्यास किया। इस छात्रावास का निर्माण कार्य एक वर्ष में पूर्ण किया जायेगा। दीक्षान्त समारोह कार्यक्रम में सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देते हुए हुए राज्यपाल ने कहा कि आज जिन छात्र/छात्राओं को मेडल प्राप्त हुआ है, उनको एवं उनके माता-पिता को बहुत-बहुत बधाई।

उन्होंने कहा कि किसानों को वैज्ञानिक ढंग से उन्नतशील खेती करना सिखाया जाना चाहिए । किसान को चाहिए कि बेहतर किस्म के बीजों तथा जैविक खाद का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि किसानों को उत्पादकता को बेहतर मूल्य मिले, इस क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। यहां के लोग पपीता, गुलाब, नीम, एलोवेरा उगायें तथा कम लागत से अन्य चीजें जैसे साबुन आदि प्रोडक्ट स्वयं तैयार करें तथा आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि बच्चों, वृद्ध एवं गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक एवं पौष्टिक आहार दें, जिससे छोटे बच्चे कुपोषण का शिकार न हो और गंभीर बीमारियां न हो सकें।


उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को विश्वविद्यालय से जोडकर उन्हें बेहतर बनाने का कार्य किया जा रहा है, जिससे कि गरीब परिवारों के बच्चों का आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से शिक्षा एवं स्वास्थ्य में सुधार हो सके। किसानों के बीच में बैठकर कृषि के विषय में वैज्ञानिक जानकारी दें ताकि किसान कृषि कार्य वैज्ञानिक एवं उन्नतशील तरीके से करके अपना उत्पादन बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि किसानों में परिवर्तन लाने में विद्यालय के बच्चों का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है। उन्होंने पीएचडी कर रहे छात्र/छात्राओं को सामाजिक समस्याओं के विषयों में शोध करने के लिए प्रेरित किया। यह विश्वविद्यालय को निरन्तर प्रगतिशील रखने हेतु यहाँ शोध सहित अन्य कृषि सम्बन्धी उन्नतशील बीजों को तैयार करने का कार्य किया जाए।


उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित तकनीकी एवं अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं को किसानों, महिलाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं तक अवश्य पहुंचाये, जिससे वह स्वावलम्बी एवं सशक्त हो सकें। इसी क्रम में उन्होंने स्वयं सहायता समूह की सखियों को लखपति एवं ड्रोन सक्षमता बढ़ाकर महिलाओं को सक्षम बनाने हेतु कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।

 उन्होंने उच्च प्राथमिक विद्यालय कनवारा भाग-1 व 2 के बच्चों को फल, किताबें व बैग एवं पाठ्य समाग्री का वितरण किया। दीक्षांत कार्यक्रम में उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को छोटी साइकिल, कुर्सी, मेज, किताब, स्टेशनरी किट का वितरण आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किया। इसके साथ ही उन्होंने जनपद बांदा के 101 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु आंगनबाड़ी में सहायता किट का वितरण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को छोटे-छोटे खिलौने व पठन-पाठन सामग्री के द्वारा बौद्धिक विकास बचपन से होगा और उनको आगे बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य में मदद मिलेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्यपाल जी द्वारा प्रदेश की लगभग नौ हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किट का वितरण किया जा चुका है।


कार्यक्रम में निदेशक, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान केन्द्र लखनऊ डॉ अजीत कुमार साशनी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी नागरिकों को खाद्यान उपलब्ध कराने के लिए 70 प्रतिशत खाद्यान का उत्पादन ज्यादा करना होगा और लोगों को पौष्टिक भोजन दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे विश्वविद्यालय से अर्जित ज्ञान एवं कौशल से देश के सीमान्त एवं मध्यमवर्गीय कृषकों को खेती के उन्नत तरीकों द्वारा जीवन स्तर को सुधारने हेतु कृषकों का मार्गदर्शन करें।

दीक्षांत समारोह में कुल 320 मेधावी छात्र/छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गयी, जिसमें कृषि संकाय, उद्यान, वानिकी, सामुदायिक विज्ञान संकाय, पीएचडी कृषि एवं उद्यान संकाय के छात्र/छात्राओं को बीएससी, एमएससी व पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गयीं, जिसमें कु. अंजली वर्मा को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कु.आयुषी सिंह को कृषि क्षेत्र में वाइस चांसलर गोल्ड मेडल, अभिषेक मिश्रा को उद्यान में स्वर्ण पदक, कु0ऋतिका श्रीवास्तव को वानिकी में स्वर्ण पदक, उद्यान में अभिषेक प्रताप को स्वर्ण पदक दिया गया। कर्ण गुप्ता में एग्रीकल्चर में सिल्वर मेडल, सूर्य प्रताप सिंह को वानिकी में रजत पदक, अभय प्रताप सिंह को रजत पदक, सत्येन्द्र कुमार को रजत पदक तथा ख्याति अग्रवाल, अरूण चौधरी, ऋचा रघुवंशी, अंजना, नेहा को रजत पदक प्रदान किया गया।


विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। ज्ञातव्य है कि विश्वविद्यालय में प्रथम बार छात्र/छात्राओं को सर्वोच्च चांसलर पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले 40 छात्र/छात्राएं हैं, इनमें से 20 छात्र/छात्राओं को विभिन्न पदक दिये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा 87 शोध पत्र जारी किये गये हैं और कई एम.ओ.यू. शोध हेतु हस्ताक्षरित किये गये हैं।

कार्यक्रम में प्रदेश के जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, कुलपति डॉ. नरेन्द्र प्रताप सिंह, आयुक्त चित्रकूट धाम मण्डल बांदा बालकृष्ण त्रिपाठी, पुलिस उप महानिरीक्षक अजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी बांदा श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल, पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल, कुलसचिव डॉ.एस के सिंह, सहित जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल, जिलाध्यक्ष भाजपा संजय सिंह सहित अपर जिलाधिकारी वि./ रा.राजेश कुमार, अपर जिलाधिकारी न्यायिक अमिताभ यादव, नगर मजिस्ट्रेट, विजय शंकर तिवारी, प्रबन्ध परिषद एवं विद्वत परिषद के सम्मानित सदस्यगण, आमंत्रित अतिथिगण, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, पत्रकार बन्धु, विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक एवं कर्मचारीगण, छात्र एवं छात्राएं, उपस्थित रहे।

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