Banda News: जिले का मान बढ़ाया, गोविंद मिश्र को 'भारत साहित्य सम्मान' और IPS देवदत्त को 'राष्ट्रपति पदक', पीएचडी उपाधि से नवाजे गए गोपाल गोयल

Banda News: जाने-माने साहित्यकार, कथाकार और उपन्यासकार गोविंद मिश्र को गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार ने 'भारत साहित्य सम्मान' से नवाजा है।;

Report :  Om Tiwari
Update:2025-01-30 18:37 IST

Banda News (Image From Social Media

Banda News: बांदा से जुड़ी तीन हस्तियों की झोली में एक-एक पुरस्कार का और इजाफा हुआ है। जाने-माने साहित्यकार, कथाकार और उपन्यासकार गोविंद मिश्र को गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार ने 'भारत साहित्य सम्मान' से नवाजा है। जबकि इसी दिन उड़ीसा के भुवनेश्वर पुलिस कमिश्नर IPS एस. देवदत्त 'उत्कृष्ट एवं सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक' से सम्मानित हुए हैं। इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार गोपाल गोयल को अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। बांदा वासियों ने तीनों हस्तियों को मिले सम्मान पर खुशी व्यक्त की है।

बांदा में ही युवा हुए गोविंद मिश्र, मां सुमित्रा देवी मिश्रा रहीं अध्यापिका

भारत साहित्य सम्मान से नवाजे गए 85 वर्षीय गोविंद मिश्र भोपाल में रहते हैं। लेकिन उनका बचपन, तरुण, किशोर और युवावस्था बांदा और आसपास ही गुजरी। उनके पिता का नाम माधव प्रसाद मिश्र था। मां सुमित्रा देवी मिश्रा अध्यापिका थीं। चरखारी के गंगा सिंह हाईस्कूल से गोविंद मिश्र ने 8वीं तक शिक्षा ग्रहण की। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा बांदा के डीएवी कालेज प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक बने। 1957 में हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज की विशारद परीक्षा उत्तीर्ण कर 1959 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए की उपाधि प्राप्त कर गोरखपुर के सेंट एंड्रयू कालेज में प्राध्यापक बने। साल भर बाद बांदा के अतर्रा डिग्री कालेज विभागाध्यक्ष बने।

गोविंद मिश्र के 10 उपन्यास और 12 कहानी संग्रह 

इस बीच भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी जारी रही। 1960 में पहले प्रयास में गोविंद मिश्र IRS बने राजस्व सेवा के सर्वोच्च पद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया। फिर, केंद्रीय अनुवादक ब्यूरो के निदेशक बने और 1997 में सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले 1963 में गोविंद मिश्र ने नियमित लेखन संसार में प्रवेश किया। अब तक उनके 10 उपन्यास और 12 कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा वृतांत, बाल साहित्य, साहित्यिक निबंध और कविता संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं। अनेक विश्वविद्यालयों में उनकी रचनाओं पर शोध हुए हैं। पाठ्यक्रम की पुस्तकों में शामिल किए गए हैं। रंगमंच पर उनकी रचनाओं का मंचन हुआ है। उनकी रचनाओं पर टीवी में चलचित्र भी प्रस्तुत हुए हैं। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, भारतीय भाषा परिषद कलकत्ता, साहित्य अकादमी दिल्ली और व्यास सम्मान से भी गोविंद मिश्र साहित्य सेवाओं के लिए सम्मानित हो चुके हैं।

बांदा के बेटे IPS देवदत्त को भुवनेश्वर में उड़ीसा के राज्यपाल ने दिया राष्ट्रपति पदक

गणतंत्र दिवस पर बांदा के प्रसिद्ध अधिवक्ता, राजनेता और समाजसेवी रहे स्व. रामगोपाल सिंह के आईपीएस बेटे और उड़ीसा के भुवनेश्वर पुलिस कमिश्नर एस देवदत्त सिंह को उत्कृष्ट और सराहनीय कार्य के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है। उड़ीसा के स्टेट कन्वेंशन सेंटर (लोक भवन) भुवनेश्वर के सभागार में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्यपाल हरि बाबू कंभम ने देवदत्त को सम्मानित किया।


देवदत्त के छोटे भाई केडी सिंह भी उत्तर प्रदेश सरकार में राजपत्रित अधिकारी हैं। गाजियाबाद आरटीओ हैं और जाने-माने लेखक साहित्यकार भी हैं। अब तक अनेक पुरस्कारों से नवाजे गए हैं। दूसरे छोटे भाई ब्रम्ह दत्त सिंह ने विधि व्यवसाय के साथ समाज सेवा को अपना क्षेत्र बनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें बांदा जिले की स्थाई लोक अदालत का सदस्य नामित किया है।

वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार गोपाल गोयल को अमेरिकी यूनिवर्सिटी ने दी पीएचडी

तीसरी हस्ती वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार गोपाल गोयल हैं, जिन्हें अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने पीएचडी उपाधि से सम्मानित किया है। उल्लेखनीय है, गोयल बीते 50 सालों से पत्रकारिता और साहित्य क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं। उन्होंने सदैव जोखिम भरी और चुनौतीपूर्ण पत्रकारिता को अपनाया। स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं समेत राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं दिनमान, रविवार, धर्मयुग, जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, ब्लिट्ज, करेंट आदि खबरों और लेखों से अलग पहचान बनाई। अनेक अखबारों में लंबे समय तक जिला संवाददाता रहे। वह प्रिंट मीडिया का दौर था और छोटे से छोटे अखबार में छपी खबर का भरपूर संज्ञान लिया जाता था। इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के इस दौर में गोयल खुद को भले ही फिट न पाते हों, 'मुक्तिचक्र' पत्रिका के जरिए वह अब भी सक्रिय हैं। 73 वर्षीय गोयल अब युवा पत्रकार और साहित्यकार कहलाना पसंद करते हैं। बांदा के पत्रकारों ने उनके शतायु होने की कामना के साथ उन्हें अमेरिकी यूनिवर्सिटी से डाक्टरेट उपाधि के लिए बधाई दी है। गोयल वैश्विक मानवाधिकार संरक्षण फाउंडेशन के चेयरमैन भी हैं।

Tags:    

Similar News