BHU परिसर में गोबर गैस प्लांट का शिलान्यास, तीस हजार लोगों को मिलेगी सुविधा
प्लांट बीएचयू डेयरी फार्म पर लग रहा है जहां प्लांट के लिए बिना खरीद या ढुलाई खर्च के गोबर उपलब्ध होगी। डेयरी फार्म में लगभग 550 पशु हैं। इनसे निकलने वाले मलमूत्र का प्लांट में उपयोग किया जायेगा। इस प्लांट से अच्छी क्वालिटी की गोबर की खाद भी उपलब्ध हो सकेगी।
वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने परिसर में होने वाले गैस के खर्च को खुद पूरा करने की शुरुआत की है। इसके लिए तीस हजार लोगों वाले परिसर में अपना बॉयो गैस प्लांट लगाया जा रहा है। यह प्लांट 8 महीने में काम करने लगेगा।
अपना प्लांट
-बीएचयू परिसर में 51 लाख की लागत से बॉयो गैस प्लांट का शिलान्यास किया गया।
-इस प्लांट का निर्माण प्लांट भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की देखरेख में सीपीडब्ल्यूडी और यूडब्ल्यूडी द्वारा किया जाएगा।
-शिलान्यास के बाद कुलपति प्रो. जीसी त्रीपाठी ने बताया कि प्लांट अगले आठ महीने में काम करने लगेगा।
-विश्वविद्यालय के पीआरओ डा. राजेश सिंह के अनुसार प्लांट में 210 क्यूबिक मीटर गैस प्रतिदिन तैयार होगी।
नहीं खरीदनी होगी गैस
-इस गैस से एक एलपीजी सिलिण्डर जैसे 5 सिलिण्डर प्रतिदिन भरे जा सकेंगे।
-प्लांट से मिलने वाली गैस का उपयोग प्रयोगशालाओं और छात्रावासों में होगा।
-तैयार गैस से 3 साल में प्लांट पर खर्च की गई लागत वापस मिल जाएगी।
गोबर का सदुपयोग
-प्लांट बीएचयू डेयरी फार्म पर लग रहा है जहां प्लांट के लिए बिना खरीद या ढुलाई खर्च के गोबर उपलब्ध होगी।
-डेयरी फार्म में लगभग 550 पशु हैं। इनसे निकलने वाले मलमूत्र का प्लांट में उपयोग किया जायेगा।
-इस प्लांट से अच्छी क्वालिटी की गोबर की खाद भी उपलब्ध हो सकेगी।