अब स्वतंत्रदेव सिंह ने साधा केजरीवाल पर निशाना, कही ये बात

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिल्ली में इलाज को लेकर बरते जा रहे भेदभाव पूर्ण रवैये पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को जब चुनाव में वोट की जरूरत पड़ती है

Update: 2020-06-10 12:47 GMT

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिल्ली में इलाज को लेकर बरते जा रहे भेदभाव पूर्ण रवैये पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को जब चुनाव में वोट की जरूरत पड़ती है, तो उसे उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों के मजदूरों, श्रमिको, कामगारो समेत सभी लोग अपने लगने लगते है। लेकिन जब कोरोना संकट में उन्हें इलाज देने की बारी आती है तो केजरीवाल अपनी जिम्मेदारी से मुंह चुराने लगते है।

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उन्होंने कहा कि देश ने उनके गैर जिम्मेदराना व संवेदनहीन हरकतो को कुछ समय पहले भी अच्छे से देखा था। जब दिल्ली में रह रहे उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के कामगारों व श्रमिको को दिल्ली की सीमा पर छोड़कर केजरीवाल सरकार ने अपना अमानवीय चेहरा दिखाया था। ऐसे संकट के समय पर सीएम योगी आदित्यनाथ जी ने रात भर माॅनीटरिंग कर प्रवासियों को बसों के माध्यम से सभी को उनके घरों तक सकुशल पहुंचाते हुए तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने का काम भी किया था।

प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा ये

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को कम से कम इस संकट काल में ही यूपी के सीएम से सीख लेकर दिल्ली की जनता की बगैर पक्षपात किये सेवा करनी चाहिए। दिल्ली को पूरे देश के लोगों ने मिलकर सजाने व संवारने का काम किया है। किसी भी व्यक्ति के लिए कही भी स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता उसका संवैधानिक अधिकार है और इस संवैधानिक अधिकार को छीनने का हक दिल्ली के सीएम को बिल्कुल नहीं है। यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।

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प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार बिना किसी भेदभाव के मानवता को अपना धर्म मानकर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार कोरोना से पूरी ताकत के साथ लड़ रही है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना जहां एक लाख से अधिक बेड कोविड-19 के लिए तैयार किया गया तथा प्रतिदिन 15 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किये जा रहे है तथा प्रदेश में किसी भी मरीज को भर्ती करने से पहले यह नहीं पूछा जाता कि वह किस राज्य से है।

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