Hariom Yadav Interview: मुलायम सिंह के समधी ने क्यों छोड़ा पार्टी का साथ, हरिओम यादव ने दिया जवाब

Hariom Yadav Interview: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) की तारीखों का एलान होते ही नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इसी कड़ी में फिरोजाबाद (Firozabad) में तीन बार के सपा विधायक हरिओम यादव (Hariom Yadav) ने भी साइकिल की सवारी छोड़ कमल का दामन थाम लिया है।

Report :  Brajesh Rathore
Published By :  Shreya
Update: 2022-01-13 04:26 GMT

Hariom Yadav Interview: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) की तारीखों का एलान होते ही नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इसी कड़ी में फिरोजाबाद (Firozabad) में तीन बार के सपा विधायक हरिओम यादव (Hariom Yadav) ने भी साइकिल की सवारी छोड़ कमल का दामन थाम लिया है। दिल्ली स्थित भाजपा केंद्रीय कार्यालय पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के समक्ष रिश्ते में मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव भी अब भगवा रंग में रंग गए हैं। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। जब हरिओम यादव दिल्ली से वापस फिरोजाबाद आए तो उन्होंने मीडिया से बात की। 

हरिओम यादव से सवाल

समाजवादी पार्टी छोड़कर आज ऐसी क्या परिस्थिति बनी थी आप ने भाजपा की सदस्यता ले ली क्योंकि आप वर्षों से समाजवादी हैं?

इस पर यादव ने जवाब दिया कि समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए हमने तन मन धन अपना सब कुछ लगाया, जेल भी काटी। पार्टी को मजबूत करने में सबसे ज्यादा योगदान शिवपाल सिंह का भी रहा लेकिन अब समाजवादी पार्टी नेता जी वाली पार्टी नहीं रही है। अब समाजवादी पार्टी को चापलूस और ऐसे लोगों ने घेर लिया है जो समाजवादी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, अखिलेश को कमजोर करना चाहते हैं जैसे रामगोपाल यादव उनके लड़के। उनको हम समाजवादी पार्टी में रास नहीं आते उनको यह लगता है समाजवादी पार्टी में अगर हरिओम यादव रहेंगे तो हमारा हमारे लड़के का अस्तित्व फ़िरोज़ाबाद में नहीं बचेगा।

इसीलिए उनके लड़के ने यह कसम खा ली है कि मैं सल्फास खा लूंगा लेकिन हरिओम यादव को समाजवादी पार्टी में नहीं आने दूंगा तो हमने यह सोचा कि हम अपना दूसरारास्ता चुन लेंगे क्योंकि हम स्वाभिमानी आदमी हैं हमारे लिए स्वाभिमान से बढ़कर कोई चीज नहीं है लेकिन अभिमानी नहीं होना चाहिए। प्रोफेसर रामगोपाल यादव स्वाभिमानी ना होकर अभिमानी हैं। उनमें अभिमान कूट-कूट कर भरा है और वह लोगों को अपमान करने पर बड़ा संतोष महसूस करते हैं।

हरिओम यादव से सवाल

आपने क्या यह सब बातें नेता जी से कहीं या अखिलेश यादव से मिले उन्हें यह सब बताया।

इस पर उन्होंने कहा कि देखिए हमने नेताजी को 7 नवंबर को बताया था हमारी बेटी की शादी थी हम कार्ड देने गए थे। उनको नेता जी को सारी स्थिति मालूम है नेताजी की अब चलती नहीं है अखिलेश यह चीज समझ नहीं पा रहे हैं क्योंकि नेताजी के जो लोग थे नेताजी के साथ जिन्होंने काम किया था उन सबको किनारे करने की कोशिश की जा रही है। आदरणीय शिवपाल सिंह ने इस पार्टी को मजबूत करने में अपना योगदान दिया पूरा प्रदेश जानता है, उनको साल 3 साल अपमानित किया गया, उन्हें पार्टी से बाहर रखा गया, गठबंधन हुआ हम लोगों से उस बंधन में हम भी शामिल रहेंगे क्योंकि हम प्रसपा में थे लेकिन हमारे इशू पर शिवपाल सिंह की भी नहीं मानी गई और मैं समझता हूं कि शिवपाल सिंह ने जो टिकट मांगी थी ज्यादा टिकट नहीं मांगे 56 टिकट ही मांगी थी।

वह भी शायद मुझे लगता है कि उनको पूरी नहीं दी जाएंगी तो फिर हमने यह फैसला किया कि जिस दल में सम्मान ना हो क्योंकि हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कभी यह कोशिश नहीं की कि हम लोगों से फोन पर बात करते टाइम देते। हमारी गलती होती तो उसको कहते हैं कि हमने गलती की है लेकिन कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोशिश नहीं की कि फोन कर बात की जाए, उनको पूछा जाए। यह बात नेताजी में थी नेताजी को पता लग जाए कि यह आदमी 500 वोट का नुकसान कर सकता है तो नेताजी अपने लोगों से कह देते थे कि यह आदमी निकल नहीं जाए यह पार्टी का नुकसान करेगा।

हरिओम यादव से अगला सवाल

अब सपा का क्या भविष्य आप देखते हैं क्योंकि आपके परिवार के क्षेत्र के जो सीटें हैं एटा, इटावा, मथुरा, फिरोजाबाद, औरैया, आगरा आसपास है। आपका यहां अच्छा खासा प्रभाव है।

उत्तर- देखिए फिरोजाबाद की तो 5 सीटें भारतीय जनता पार्टी की झोली में जाएंगे और जहां तक आसपास की सीट है महत्वपूर्ण हमारी रिश्तेदारी हमारे संबंध है, हम अपने लोगों से कहेंगे तभी से कि समाजवादी पार्टी को हराने का काम करें और भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करें यह हम अब जरूर कहेंगे।

हरिओम यादव से प्रश्न

कोई डील भी हुई है क्या आपकी भारतीय जनता पार्टी से?

उत्तर- हम डील वाले लोग कहां हैं डील वाले होते तो पहले ही कर लेते, आज लोकसभा मेंबर होते, हमारा बेटा एमपी होता, आज जिला पंचायत अध्यक्ष भी होता। मुक़द्दमा नहीं लगते हम लोग डील वाले लोग नहीं हैं। हम लोग तो निस्वार्थ सेवा करने वाले और साफ-सुथरी बात करने वाले हैं और बिना शर्त के बीजेपी में गए हैं। बीजेपी सम्मान देना जानती है जो बीजेपी के लोगों ने हमारा सम्मान किया अगर यह सम्मान हमें हमारी पार्टी में मिलता तो हम क्यों बीजेपी में जाते। बीजेपी में पढ़े लिखे लोग समझदार लोग हैं।

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