इलाहाबाद : केंटोनमेंट बोर्ड कानपुर ने उत्तर रेलवे व उत्तर मध्य रेलवे से सेवा प्रभार पाने की लंबी लड़ाई जीत ली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट से निराश बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट में राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रक्षा मंत्रालय के अपर सचिव वरुण मित्रा की अध्यक्षता में गठित हुई मध्यस्थता समिति में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गयाकि रेलवे, कैंट बोर्ड को सेवा प्रभार देगा। इसके साथ ही तय हुआ कि रेलवे 1982-83 से 2011-12 तक के बकाये सेवा प्रभार 25 करोड़ 50 लाख 30 हजार 232 रूपये का भुगतान एक माह में करेगा। साथ ही भवन निर्माण के अतिरिक्त खर्चे का भी भुगतान किया जायेगा। 2012 के बाद की बिलो का भी भुगतान रेलवे द्वारा किया जायेगा।
दोनों विभागों में इस संबंध में करार करने पर भी सहमति बनी है। जिसमें अन्य मुद्दे भी शामिल होंगे। रेलवे का कहना था कि केंट बोर्ड को सेवा प्रभार रेलवे से प्राप्त करने का अधिकार नही है। सुप्रीम कोर्ट में कैंट बोर्ड को जीत हासिल हुई और रेलवे को अंततः करोड़ो रूपये बोर्ड को देने पड़े। जिसको लेकर बोर्ड वर्षो से कानूनी लड़ाई लड़ रहा था। कैंट बोर्ड की सीमा में आने वाली रेलवे की सम्पत्ति पर बोर्ड सेवा प्रभार मांग रहा था।