Chandauli News: यूपी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य बनीं चंचल, जानिए कैसा रहा एक दिन का कार्यकाल

Chandauli News: कक्षा 10 में पढ़ने वाली कुमारी चंचल ने आज एक दिन के लिए उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य का पदभार ग्रहण किया।

Report :  Ashvini Mishra
Update:2024-10-10 20:08 IST

Chandauli News (Pic-Newstrack)

Chandauli News: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर चंदौली के प्रीतपुर गांव के किसान की बेटी कुमारी चंचल गुरुवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य के तौर पर प्रतीकात्मक रूप से एक दिन के लिए कुर्सी पर बैठीं और सरकारी कामकाज के साथ न्यायिक कार्य भी किया।

चंदौली के जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने कहा कि मिशन शक्ति पहल का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सम्मान को बढ़ावा देना है। चंदौली के एक किसान की सात बेटियों में से एक सोलह वर्षीय चंचल कुमारी ने 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस से ठीक पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (UPSCPCR) के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला। चंदौली में अपने गाँव में बाल विवाह को खत्म करने के प्रयासों के लिए जानी जाने वाली चंचल पहली बार लखनऊ आकर रोमांचित हैं। कुमारी चंचल, जो दसवीं की छात्रा है उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य के रूप के आज एक दिन के लिए आधिकारिक सीट संभाली। आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने उन्हें एक दिन के लिए आयोग का सदस्य नियुक्त किया, जिससे उसने अपनी कुर्सी पर बैठ कर काम काज किया।

उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य की कुर्सी पर बैठकर चंचल ने आयोग द्वारा किए जा रहे बाल अधिकार संरक्षण संबंधी विभिन्न कार्यों को प्रतीकात्मक रूप से संबोधित किया। चंचल ने कहा, "मुझे इस पद पर काम करके बहुत ख़ुशी हो रही है, मैं गौरवान्वित महसूस करती हूं और आयोग में सदस्य की भूमिका निभाते हुए मुझमें जिम्मेदारी का भाव विकसित हुआ है।

आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने चंचल को आयोग के कार्यों और सदस्य की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी। उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य के रूप में चंचल ने एक केस को सुना और उसपर आदेश जारी किया। चंचल ने शिक्षा के अधिकार की पुरजोर वकालत की, उसने कहा कि शिक्षा को सुनिश्चित करके बाल श्रम , बाल विवाह और बच्चों के खिलाफ हिंसा में कमी लायी जा सकती है। उसने कहा कि शिक्षा सामाजिक समरसता को बढाने में भी अमूल्य योगदान करती हैं।

इस अवसर पर आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने संस्था मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान के प्रयासों की सराहना की। चंचल को लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में प्रतिकात्मक सदस्य बनाने के लिए संस्था को जनपद चंदौली के जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार का विशेष प्रेरणा और सहयोग रहा।

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