Chandauli News: MLA को जीत नहीं दिला पाने का दंश झेल रहे सकलडीहा वासी, नहर में पानी नहीं मिलने से टूट रहा धैर्य

Chandauli News: दरियापुर माइनर के घरचित, रतनपुरा, पदुमनाथपुर, तेनुअट, चतुभुजपुर आदि गांव के किसान परेशान हैं। अब किसानों का धैर्य टूटता जा रहा है, किसी भी समय आक्रोशित होकर नहर के पानी के लिए सड़क जाम करने को बाध्य हो सकते हैं।

Report :  Ashvini Mishra
Update: 2024-07-25 03:57 GMT

पानी न मिलने से खेतों में सूख रही धान की रोपी गई फसल (Pic: Newstrack)

Chandauli News: चंदौली जनपद के सकलडीहा विधानसभा में भाजपा का विधायक नहीं जीतने के कारण लोगों को नहर से मिलने वाला पानी नहीं मिल पा रहा है। सकलडीहा क्षेत्र के लोगों को प्रतिवर्ष धान की रोपाई के समय नाकों चना चबाना पड़ता है। इस वर्ष भी बारिश नहीं होने के कारण सकलडीहा तथा दरियापुर माइनर में पानी 15 जुलाई से ही बंद कर दिया गया है। नहर में पानी नहीं आने से, धान की रोपाई प्रभावित हो रही है। वहीं, डाले गए बीज एवं रोपी गई फसल सूखने की स्थिति में पहुंच गई है।

सबसे बड़ी बात है कि सकलडीहा नहर व दरियापुर माइनर में पानी नारायणपुर पंप कैनाल से आता है। नारायणपुर पंप कैनाल का अधिकतर पानी अपने प्रभाव से सैयदराजा के भाजपा विधायक सुशील सिंह अपने क्षेत्र में ले जाते हैं, जिसका परिणाम है कि सकलडिया नहर एवं दरियापुर माइनर के लोगों को पानी टेल तक नहीं पहुंच पाता है और लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इसके पहले लोग पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे से भी गुहार लगाकर पानी छुड़वाने का काम करते थे, लेकिन उनके हारने के बाद अब सकलडीहा क्षेत्र के लोगों के लिए कोई भी नहर में पानी दिलाने वाला जनप्रतिनिधि नहीं दिख रहा है।

दरियापुर माइनर के घरचित, रतनपुरा, पदुमनाथपुर, तेनुअट, चतुभुजपुर आदि गांव के किसान परेशान हैं। अब किसानों का धैर्य टूटता जा रहा है, किसी भी समय आक्रोशित होकर नहर के पानी के लिए सड़क जाम करने को बाध्य हो सकते हैं। जब नहर में पानी के संबंध में पूछा जाता है तो मूसाखाड़ के एसडीओ बताते हैं जेई से बात करिए, जब जेई से बात की जाती है, तो कहते है कि अभी नरवन क्षेत्र में पानी जा रहा है जब आदेश होगा तो पानी खुलेगा। कभी 23 जुलाई की डेट कभी 25 का कभी 27 की डेट जेई बताते हैं और नहर में पानी नहीं आ रहा है। आखिर जनता किससे पानी के लिए गुहार लगाये, अब जनता आंदोलन के ही रास्ते को अपने को मजबूर हो रही है। 


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