भर्तियों की धांधली में वीसी निशीथ राय पर आरोप, CM ने दिए जांच के आदेश
राजधानी स्थित डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी (DSMRU) के वाइस चांसलर प्रोफेसर निशीथ राय को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुलपति के कार्यों का संपादन करने से रोक दिया है। इतना ही नहीं उन पर विश्वविदयालय में हुई भर्तियों की धांधली में शामिल होने के आरोपों की जांच के भी आदेश बीते शनिवार को दे दिए गए।
लखनऊ : राजधानी स्थित डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी (DSMRU) के वाइस चांसलर प्रोफेसर निशीथ राय को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुलपति के कार्यों का संपादन करने से रोक दिया है।
इतना ही नहीं उन पर विश्वविदयालय में हुई भर्तियों की धांधली में शामिल होने के आरोपों की जांच के भी आदेश बीते शनिवार को दे दिए गए।
अपने पिछले तीन साल के कार्यकाल के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर, सहायक कुलसचिव से लेकर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति में वाइस चांसलर प्रोफेसर निशीथ राय ने बिना सही प्रक्रिया अपनाए नियुक्तियां की थीं। इसी मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुलाधिपति की हैसियत से इनके काम करने पर रोक लगाकर रिटायर्ड जज से जांच कराने के आदेश दे दिए हैं।
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6 महीने में कमेटी सौंपेगी जांच रिपोर्ट
सीएम योगी इस यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति हैं। सीएम से यूनिवर्सिटी की गवर्निंग काउंसिल द्वारा प्रोफेसर निशीथ राय की गंभीर शिकायतें हुई थीं। इन पर कुलपति पद पर रहते हुए बिना कार्यपरिषद के अनुमोदन के प्रोफेसरों, असिस्टेंट प्रोफेसरों सहित शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति करने का आरोप है।
इसके अलावा अपने करीबियों को यूनिवर्सिटी में नियुक्त करने का आरोप है। इनमें एक महिला कुलसचिव सहायक की नियुक्ति को लेकर यूनिवर्सिटी में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इन पर विशेष कृपा बरतने और इनकी नियुक्ति दोनों ही जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा इनकी खुद की कुलपति पद पर नियुक्ति और वीसी होते हुए लखनऊ यूनिवर्सिटी के अर्बन सेंटर के निदेशक और एलयू में प्रफेसर पद पर नियुक्त रहना भी जांच के दायरे में है।
आरोपों की होगी जांच
हालांकि, वीसी निशीथ राय के करीबी सूत्रों का कहना है कि कार्यपरिषद का अनुमोदन नियुक्ति के समय इसलिए नहीं लिया गया क्योंकि उस समय कार्यपरिषद पूर्णतय: अस्तित्व में नहीं था। लेकिन उन्होंने स्वीकारा कि बाद में इस पर अनुमोदन लिया जा सकता था। हालांकि, अब रिटायर्ड जस्टिस शैलेंद्र सक्सेना की एक सदस्यीय जांच कमेटी इन पर लगे आरोपों की जांच करेगी और 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपेगी। इसकी एक प्रति राज्यपाल रामनाईक को भी उपलब्ध कराई जाएगी। प्रोफेसर निशीथ राय के खिलाफ पूर्व में भी एक प्रोफेसर द्वारा मुख्यमंत्री और गवर्नर रामनाईक को शिकायती पत्र सौंपा गया था, लेकिन इनके रसूख के चलते इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी थी।
प्रमुख सचिव देखेंगे कुलपति के कार्य
यूपी के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विशेष सचिव विजय कुमार यादव ने पत्रांक – 887/65-3-2017-08 (वि.वि.) जारी करके कुलसचिव डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी को निर्देशित किया कि विश्वविदयालय की समान्य परिषद द्वारा लिए गए निर्णय के क्रम में निशीथ राय को जांच प्रचलित होने के कारण जाचं अवधि में कुलपति के कार्यों से विरत किया जाता है। इनकी जगह प्रमुख सचिव महेश कुमार गुप्ता उनके कार्यों को देखेंगे। जांचोपरांत कुलाधिपति के द्वारा जो निर्णय लिया जाएगा, उस अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।