CM Yogi Adityanath: ये बनेगा योगी का नया गढ़, यहीं से होगा यूपी चुनाव का शंखनाद
CM Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के चुनाव क्षेत्र के बारे में तमाम चर्चाएं सतह पर तैर रही हैं जिसमें गोरखपुर (Gorakhpur) से ज्यादा मथुरा (Mathura) और काशी (kashi) को योगी का नया चुनाव क्षेत्र बनने की अटकलें तेज हैं।
CM Yogi Adityanath: हिन्दू नेता के रूप में देश में अपनी अलग पहचान रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के चुनाव क्षेत्र के बारे में तमाम चर्चाएं सतह पर तैर रही हैं जिसमें गोरखपुर (Gorakhpur) से ज्यादा मथुरा (Mathura) और काशी (kashi) को योगी का नया चुनाव क्षेत्र बनने की अटकलें तेज हैं। और ये बातें इतनी तेज हो चुकी हैं कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी भी इस पर बोल दिये। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सपने में कृष्ण आ गए। वास्तव में योगी कहां से लडेंगे, ये भविष्य के गर्भ में है लेकिन सबसे मजबूत संभावना उनका चुनाव क्षेत्र गोरखपुर रहने की ही बन रही है। और अंततः वह गोरखपुर से ही चुनाव लड़ें तो ये आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए।
पहले मथुरा की ही बात करते हैं क्योंकि श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) इसी विधानसभा क्षेत्र में आती है। योगी की मथुरा सीट हो सकती है इस पर चर्चा भाजपा (BJP) के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव के पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के मथुरा वृन्दावन से चुनाव लड़ने के सुझाव के बाद शुरू हुई। इसके बाद बृज के साधु संतों ने भी उनसे मथुरा से चुनाव लड़ने की मांग शुरू कर दी।
मथुरा विधानसभा सीट से बसपा, आरएलडी और समाजवादी पार्टी कभी नहीं जीती
वर्तमान में मथुरा विधानसभा सीट से भाजपा के श्रीकांत शर्मा (BJP MLA Shrikant Sharma) विधायक हैं। इस सीट पर सर्वाधिक नौ बार कांग्रेस, पांच बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), एक बार जनता पार्टी और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। इस सीट से सर्वाधिक चार बार कांग्रेस के प्रदीप माथुर विधायक रहे हैं। और परंपरागत रूप से देखें तो इस सीट पर बसपा, आरएलडी और समाजवादी पार्टी का कोई उम्मीदवार कभी नहीं जीता है। अगर इस सीट के विधायक श्रीकांत शर्मा के रिपोर्ट कार्ड की बात करें तो उनका परफार्मेंस बेहतर रहा है।
अयोध्या की जहां तक बात है तो 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर यह सीट भी खासी चर्चा में है। रामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण के चलते अयोध्या लगातार चर्चा में है। अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता भी मोदी के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं, योगी का वहां से चुनाव लड़ना उनके लिए सौभाग्य की बात होगी। वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी सीट खुशी से खाली करने को तैयार हैं। लेकिन फिर भी इस बात की संभावना कम दिखाई दे रही है कि योगी यहां से चुनाव लड़ें क्योंकि नेशनल इंटरनेशनल संदेश जाने की बात अलग है लेकिन योगी जैसा स्टार प्रचारक खुद को अनजानी सीट पर बांधना नहीं चाहेगा।
योगी के लिए एकमात्र विकल्प गोरखपुर सीट
वाराणसी में चूंकि मोदी का दबदबा है योगी के लिए दिक्कत नहीं है लेकिन भाजपा के दो बड़े नेता एक ही संसदीय सीट पर नहीं जाना चाहेंगे इसलिए ऐसे में योगी के लिए एकमात्र विकल्प गोरखपुर सीट है। गोरखपुर उनकी खुद की सीट है। वहां पर प्रचार का कोई दबाव नहीं रहेगा। वह गोरखपुर के एक-एक भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता को नाम से जानते हैं। बूथ व मंडल स्तरीय संगठन से सीधा संपर्क रखते हैं। समाज के ज्यादातर तबके में अच्छी पैठ है। वहां से चुनाव लड़कर वह मुक्त होकर सभी चुनाव वाले राज्यों में संदेश दे सकते हैं।
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