लखनऊ: चंबल के बीहड़ में डकैतों से मुकाबला करने में यूपी पुलिस की नीतियां सफल नहीं रही । चित्रकूट के निही जंगलों में बबली कोल को पकड़ने गयी पुलिस की टीम डकैतों से लोहा लेने में असफल रही और जिसका खामियाजा उन्हें एक पुलिस जवान की मौत से उठाना पड़ा। और बबली कोल भागने में सफल रहा ।
चित्रकूट में बबली कोल के गिरोह से लोहा लेते आज एसआई जे पी सिंह शहीद हो गए । ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बदमाशो और डकैतों के साथ मुठभेड़ में कोई जवान शहीद हुआ हो, जवानो की मौत की फेहरिश्त लम्बी है ।
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आगरा में सिपाही सतीश यादव हुए शहीद
आगरा के थाना एत्मादौला में चार बदमाशों से गश्त कर रहे सिपाही सतीश यादव और कुलदीप अपनी जान की परवाह करे बगैर अकेले ही भिड़ गए । बहादुरी भरे इस कारनामे में सतीश यादव शहीद हो गए।
क्या था मामला
दरअसल, सतीश यादव और कुलदीप 29 जुलाई 2017 की सुबह बाइक से गश्त कर रहे थे, इसी दौरान उन्हें चोर चोर का शोर सुनाई दिया। इसी बीच उनका सामना बाइक सवार चार बदमाशों से हो गया। बदमाश वहां से भाग रहे थे। इसके बाद भी सिपाहियों ने बेखौफ होकर बदमाशों का पीछा करना शुरू कर दिया। पुलिस को देख बदमाशों ने अपनी बाइक तेज की और एक गली में घुस गए। सतीश यादव और कुलदीप ने उनका पीछा जारी रखा। इस दौरान हड़बड़ाहट में बदमाशों की बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई और इतने में सतीश ने एक बदमाश को कॉलर पकड़कर नीचे गिरा लिया। उधर कुलदीप ने दूसरे बदमाश को धर दबोचा। बहादुर सिपाहियों की पकड़ से दोनों बदमाश छूट नहीं पा रहे थे। इसी बीच तीसरे बदमाश ने सतीश को निशाना बनाकर तमंचे से दो फायर किए। इसमें एक गोली सतीश यादव की कोख में लगी और एक जबड़े में, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
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बदायूं में दारोगा हुए शहीद
सूबे के बदायूं में बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़ यूपी पुलिस के दारोगा सर्वेश यादव शहीद हो गए हैं और एक सिपाही घायल हुआ है।
क्या था मामला
पुलिस को तीन बदमाशों के बारे में सूचना मिली थी कि वो किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। इसके बाद पुलिस की दो टीमों की उनसे मुठभेड़ हुई। जिसमें सब इंस्पेक्टर सर्वेश यादव की मौत हो गई जबकि एक सिपाही घायल हो गया।
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मेरठ में सिपाही एकान्त यादव हुए शहीद
यूपी पुलिस के जॉबांज सिपाही एकान्त यादव 1 दिसंबर 2014 को मेरठ के कुख्यात नूरइलाही उर्फ नूरा को मुठभेड़ में मार डाला था। लेकिन खुद भी लड़ते-लड़ते शहीद हो गये थे।
क्या था मामला
बुलंदशहर के नगला काला के निवासी यूपी पुलिस के सिपाही एकान्त यादव 1 दिसंबर 2014 को मेरठ में उस वक्त शहीद हुए जब वह पुलिस पिकेट पर गश्त के लिए निकले थे। इसी बीच उनकी मुठभेड़ कुख्यात नूरइलाही उर्फ नूरा से हुई। नूरा ने गोलियां चलाई तो एकांत और उनके साथी लोकेश ने उसे दबोचकर ढेर कर दिया। एकान्त को लड़ते वक्त पेट में गोली लगी और वह शहीद हो गये।
आगे की स्लाइड में देखें कैसे शहीद हुए इंस्पेक्टर गोविन्द सिंह
सूबे के मऊ जिले में दो बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में कोतवाल गोविंद सिंह ने दो बदमाशों को मार गिराया लेकिन इसमें वो खुद शहीद हो गए ।
क्या था मामला
मऊ के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के मनाजीत गांव में दो बदमाश के होने की सूचना के बाद मऊ पुलिस के विशेष कार्रवाई बल के जवानों ने उनका पीछा किया। पुलिस से बचने के लिए बदमाश गोलियां चलाते हुए गांव के रामजीत गुप्ता के घर में जाकर घुस गए।बदमाशों ने घर में घुसने के कुछ देर बाद रामजीत की हत्या कर दी जबकि उसकी पत्नी और दो बच्चों को बंधक बनाकर घर के अंदर से पुलिस पर लगातार गोलियां चलाते रहे। इस बीच अपने थाने की पुलिस फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे शहर कोतवाल गोविंद सिंह बदमाशों की गोली लगने से शहीद हो।