मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को किया खूब टाईट
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जनपदों के तय मानकों की प्रगति की समीक्षा मण्डलायुक्त के स्तर पर की जानी चाहिए।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने आलाधिकारियों के खूब पेंच कसें और कहा कि कामकाज में तेजी दिखाए वरना किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ, आगरा, वाराणसी, मथुरा, बरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, झांसी, सहारनपुर आदि नगर निगमों में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के निर्माण की जानकारी ली और गोवंश आश्रय स्थलों को जल्द ही खोले जाएगें।
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मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में प्रदेश के सभी मण्डलायुक्तों और नगर आयुक्तों के साथ शहरों की सफाई, पाॅलीथीन पर रोक, नगरीय क्षेत्र में गोवंश संरक्षण, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत मिशन, शहरों में नालों को टैप किये जाने की प्रगति, एस0टी0पी0 के निर्माण की प्रगति एवं नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, सौभाग्य योजना, निराश्रित, विधवा तथा दिव्यांगजन पेंशन सहित शासन द्वारा संचालित विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं पर मण्डलायुक्त द्वारा मण्डल स्तर पर समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डलायुक्त 10 जून, तक समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार कर लें। 11 जून से 15 जून, तक प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव एवं मंत्री स्तर पर समीक्षा की जाएगी। 16 जून से 15 जुलाई, तक मुख्यमंत्री जी द्वारा स्वयं मण्डलीय समीक्षा बैठकें की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि पाॅलीथीन पर कड़ाई से प्रतिबन्ध लगाये बगैर स्वच्छता अभियान का लक्ष्य पूरा नहीं होगा। इसलिए पाॅलीथीन को कड़ाई से प्रतिबन्धित किया जाए। इसके प्रति जनता और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग के माध्यम से जनजागरूकता फैलायी जाए। पाॅलीथीन पर प्रभावी रोक के लिए आवश्यकतानुसार वैधानिक कार्यवाही भी की जाए। उन्होंने कहा कि कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ऐसे नगरों में जहां निस्तारण की पर्याप्त व्यवस्था न हो, वहां कूड़े का डम्पिंग ग्राउण्ड आबादी से दूर बनाया जाए।
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मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि 652 नगर निकायों में से 638 ओ0डी0एफ0 घोषित किये जा चुके है। इनमें से 445 नगर निकायों को क्यू0सी0आई0 के माध्यम से प्रमाणित भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून, 2019 तक अवशेष नगर निकायों को ओ0डी0एफ0 घोषित किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए अभियान चलाकर कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था के तहत मण्डलायुक्त महत्वपूर्ण संस्था है। इस संस्था को सुदृढ़ किये जाने की आवश्यकता है। इसे सुदृढ़ करने के लिए शासन स्तर पर कार्यवाही की जाए। मुख्य सचिव महीने में एक बार मण्डलायुक्तों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि इस संस्था को मजबूत करने की जिम्मेदारी स्वयं मण्डलायुक्तों को भी लेनी पडे़गी। इनके पास लम्बा प्रशासनिक अनुभव होता है। इसका उपयोग निर्णय लेने में किया जाना चाहिए। निर्णय पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ लिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डलायुक्त, विकास प्राधिकरण व्यवस्था को सुचारू बनायें। इसके लिए मण्डलायुक्त द्वारा विकास प्राधिकरण एवं आवास विकास परिषद के कार्यों की समीक्षा की जाए। 1 जुलाई से 31 जुलाई, तक स्कूल चलो अभियान संचालित किया जाए। मण्डलायुक्त बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सुनिश्चित करें कि सभी बच्चे स्कूल जाएं। वह एस0डी0एम0, तहसीलदार, डिप्टी एस0पी0, थानाध्यक्ष की अपने कार्य स्थान पर उपस्थिति भी सुनिश्चित कराएं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जनपदों के तय मानकों की प्रगति की समीक्षा मण्डलायुक्त के स्तर पर की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री आवास योजना की धनराशि के सही इस्तेमाल के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अभियान चलाकर ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक किया जाए। पार्काें का सौन्दर्यीकरण कराया जाए। निराश्रितों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था की जाए। भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए।
इससे पूर्व, अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को शहरों की सफाई, पाॅलीथीन पर रोक, नगरीय क्षेत्र में गोवंश संरक्षण, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत मिशन, शहरों में नालों को टैप किये जाने की प्रगति, एस0टी0पी0 के निर्माण की प्रगति एवं नमामि गंगे परियोजना की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।