Dera Sacha Sauda Foundation Day: डेरा सच्चा सौदा ने मनाया 74 वां स्थापना दिवस, MSG मूवी के भजन ने सभी को किया मंत्रमुग्ध
Dera Sacha Sauda Foundation Day: डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी।
Shamli: डेरा सच्चा सौदा का स्थापना दिवस (Dera Sacha Sauda Foundation Day) के मौके पर शामली (Shamli) व मुज़फ्फरनगर जिले की जिला स्तरीय नामचर्चा का आयोजन हुआ। जिसमे हजारों साध संगत ने मौके पर पहुंचकर नामचर्चा का लाभ उठाया। शहर के पचेड़ा रोड़ प्लेटम रिसोर्ट में इस भव्य कार्यक्रम में समाचार लिखे जाने तक बड़ी सख्या में साध सँगत का आना जारी रहा। नामचर्चा में MSG मूवी के भजन ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों के जबाब भी हुए। 29 अति गरीब परिवारों का राशन व किट भी वितरित की गई। इस मौके पर जिले शामली व मुज़फ्फरनगर के साथ साथ डेरा सच्चा सौदा के जिमेवार मौजूद रहे।
बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने की थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। आप जी ने लोगों को गुरु मंत्र दे कर मानवता भलाई कार्यों पर चलने का रास्ता बताया। इनके पश्चात दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों सत्संग किए और लाखों लोगों को गुरु मंत्र देकर इंसानियत की राह पर चलाया और अब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु 138 मानवता भलाई कार्यों में जुटे हुए हैं।
मर चुकी इंसानियत को जिंदा करने का बीड़ा
जिनमें 29 अप्रैल 2007 को पूज्य गुरु जी ने रूहानी जाम की शुरूआत कर मर चुकी इंसानियत को जिंदा करने का बीड़ा उठाया। 138 मानवता भलाई कार्यो में रक्तदान, शरीर दान, गुर्दा दान, पौधारोपण, गरीबों को मकान बनाकर देना, गरीब कन्याओं की शादी करवाना,नेत्रदान, लोगों का नशा छुड़वाना, आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का नि:शुल्क इलाज करवाना, निशक्त जनों को सहारा देने के लिए ट्राई साइकिल देना सहित अनेक कार्य शामिल हैं।आज 29 परिवारों को राशन वितरण वितरित भी किया।
देश के किए जरूरी सभी सेवाएं करेंगे
मुज़फ्फरनगर की डेरा यूनिट ने अभी तक 25 मरणोपरांत शरीर दान किए है जब कि हजारों लोगों ने मरणोपरांत शरीर दान के फार्म भर रखे है। डेरे की विश्व रिकॉर्ड की डॉक्यूमेंट्री भी बड़ी बड़ी स्किन के माध्यम से दिखाई गई। इस मौके पर साध सँगत ने प्रण किया कि कोई भी ऐसी सेवा हम नही छोड़ेंगे जो हमारे देश के लिए जरूरी है।
कार्यक्रम बलराम इंशा व कार्यक्रम में डेरे की जानकारी सत्यपाल त्यागी ने दी।
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